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रांची: इन दिनों राजधानी रांची का ‘जीवन रेखा’ कहा जाने वाला हरमू नदी का अस्तित्व विनाश के कगार पर है। नदी में कूड़े-कचड़े का अंबार लगा हुआ है। नदी के आसपास रहने वाले लोग गंदगी को लेकर काफी परेशान हैं।
आज हरमू नदी विनाश के कगार पर खड़ी है। हर जगह प्रदूषण फैला हुआ है। हरमू नदी का उद्गम लेटराइट मिट्टी से है। ये बारिश के जल पर निर्भर है. इधर, कुछ वर्षों से बारिश में भी कमी आयी है, जिसके चलते भी इस नदी केवल चार महीने ही प्राकृतिक जल रहता है। बाकी समय ये सिर्फ गंदे पानी से भरा रहता है। अगर हरमू नदी के उद्गम स्थान को देखा, तो वहां पत्थरों का भी कटाव हो गया है। इसके चलते भी इस नदी पर खतरा मंडरा रहा है।
हरमू नदी के जीर्णोद्धार के लिए पिछली सरकार ने कई योजनाओं को कार्यान्वित किया था और नदी की साफ-सफाई के लिए जुडको कंपनी को टेंडर भी मिला था, लेकिन लाख प्रयासों के बावजूद नदी की हालत जस की तस बनी हुई है।
नगर निगम के सफाई कर्मचारी बताते हैं कि स्थानीय लोगों की लापरवाही की वजह से नदी की सफाई करना मुश्किल हो रहा है, बार-बार नदी से गंदगी निकालने के बाद लोग अपने घरों का गंदा नदी में फेंकने का काम करते हैं, जिसके कारण नदी में गंदगी बनी रहती है। वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि हरमू मुक्ति धाम में शवों की अंत्येष्टि होने की वजह से भी नदी की साफ सफाई नहीं हो पाती है। लोग शव के समान को मुक्तिधाम में ही छोड़कर चले जाते हैं, जिससे गंदगी का अंबार जमा होता है और मुक्तिधाम में काम करने वाले लोग गंदगी को नदी में ही बहा देते हैं, जिस वजह से नदी और भी गंदी हो रही है।
आबादी बढ़ने के साथ ही नदी के आसपास के मोहल्लों से निकलने वाला गंदा पानी और गंदगी दोनों ही इस नदी में गिराये जाने लगे, जिसकी वजह से आज यह नदी पूरी तरह दूषित हो चुकी है। कभी साफ पानी के साथ कलकल कर बहने वाली इस नदी का पानी पूरी तरह काला हो चुका है। जो हरमू नदी के बारे में नहीं जानता है, उसे यह किसी बड़े और गंदे नाले की तरह दिखती है। बल्कि, आज राजधानी के ज्यादातर लोग इसे हरमू नाला कहकर ही पुकारते हैं।
इसे लेकर नगर आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि नदी किनारे लोगों ने अतिक्रमण कर अपना घर बना लिया है, वो लोग घरों का गंदा सामान नदी में बहाते हैं, जो एक बड़ी समस्या है। साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द हरमू नदी को बेहतर बनाने के लिए प्रशासन और सरकार प्रयास करेगी, ताकि नदी के अस्तित्व को बचाया जा सके।