देहरादून : 18 नवंबर को बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे. उस दिन दोपहर 3 बजकर 33 मिनट पर कपाट बंद किए जाएंगे. श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने ये घोषणा की है. इसके साथ ही उच्च गढवाल हिमालयी क्षेत्र में होने वाली इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा. बता दें कि कपाट बंद रहने के दौरान श्रद्धालु भगवान बदरीनाथ के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास स्थल जोशीमठ के नरसिंह मंदिर में कर सकेंगे.
चारों धामों में से केवल बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद करने की ही तिथि निकाली जाती है जबकि अन्य तीनों धामों की तिथि दीवाली के त्योहार से ही निर्धारित होती है. बताते चलें कि वर्तमान यात्रा काल में अब तक रिकॉर्ड 16 लाख से अधिक श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के दर्शन कर चुके हैं.
सभी विभागों का जताया आभार
बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने बदरीनाथ धाम की सफल यात्रा के लिए सभी विभागों, पुलिस, प्रशासन, सेना आईटीबीपी, हक-हकूकधारियों, तीर्थपुरोहितों, तीर्थयात्रियों का आभार जताया है. कपाट बंद होने के बाद 19 नवंबर को सुबह श्री उद्ववजी, कुबेर जी योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर और आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर स्थित गद्दीस्थल को प्रस्थान करेगी.
कई चरण में होगी पूजा
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ के अनुसार कपाट बंद की प्रक्रिया के तहत पहले पंचपूजाएं शुरू हो जाएगी. 14 नवंबर को गणेश मंदिर के कपाट बंद होंगे. 15 नवंबर को दिन में आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे जबकि 16 नवंबर को तीसरे दिन खडग पुस्तक पूजन के बाद वेद ऋचाओं का पाठ बंद हो जाएगा. चौथे दिन 17 नवंबर को लक्ष्मीजी को कढ़ाई भोग और पांचवे दिन 18 नवंबर को रावल जी स्त्री भेष धारण कर लक्ष्मी माता को भगवान बदरीनाथ जी के सानिध्य में रखेंगे. इसके बाद शाम 3 बजकर 33 मिनट पर भगवान बदरी विशाल के कपाट बंद हो जाएंगे.
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