बोकारो: बोकारो स्टील प्लांट के लिए अपनी जमीन देने वाले 19 विस्थापित गांवों के लोगों ने रविवार को बोकारो के तिरंगा पार्क से झारखंड सरकार के खिलाफ शव-यात्रा निकाली. इस प्रदर्शन का नेतृत्व भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. प्रकाश सिंह ने किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान, हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और 10 मंत्रियों का शव-यात्रा निकाला गया. प्रत्येक शव को चार-चार व्यक्तियों ने अपने कंधों पर उठाया था, जबकि शव रूपी चिता को पारंपरिक तरीके से माटी के बर्तन में आग लेकर चलाया गया. प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने सरकार विरोधी नारे लगाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया.

डॉ. सिंह ने बताया कि विस्थापितों का आंदोलन पंचायत के अधिकार को लेकर लंबे समय से चल रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चुनाव के समय पंचायत का अधिकार देने का वादा किया था, जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के पंचायती राज मंत्री इरफान अंसारी ने एक हफ्ते के भीतर पंचायत का दर्जा देने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब लगभग एक महीने होने को है.

ग्रामीणों ने दी नेताओं को चेतावनी
विस्थापित ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर उन्हें चुनाव से पहले पंचायत का दर्जा नहीं मिलता, तो वे किसी भी सरकारी नेता को अपने गांव में प्रवेश नहीं करने देंगे. अगर कोई नेता गलती से गांव में प्रवेश करता है तो उसे खदेड़ दिया जाएगा और सत्ता से उखाड़ फेंकने की कोशिश की जाएगी. इस विरोध प्रदर्शन में भाजपा जिला उपाध्यक्ष रामलाल सोरेन, अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष नजमुल होदा, गोपी डे, अमित पुरी, रामपद सिंह, सुबोध मंडल, और गोपाल महतो जैसे प्रमुख नेता भी शामिल थे.

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