रांची। रांची में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा की घटना के बाद गिरफ्तार आरोपित ने कई खुलासे किए हैं। एक आरोपित ने बताया है कि जुमे की नमाज के बाद निकाले गए जुलूस में बाहर से आये कुछ लोग शामिल थे। सभी व्हाट्सएप में मैसेज के बाद इक्ट्ठा हुए थे। पुलिस को टारगेट कर पत्थरबाजी किया गया था।
आरोपित ने स्वीकारोक्ति बयान में बताया है कि एकरा मस्जिद में एक प्रस्ताव पास हुआ कि नूपुर शर्मा के विरोध में जुलूस निकाला जाएगा। इसके बाद सभी जुलूस की शक्ल में मेन रोड पहुंचे। जैसे ही हम लोग एकरा मस्जिद से हनुमान मंदिर के पास पहुंचे तो भीड़ उग्र हो गई और पत्थरबाजी शुरू हो गया। आरोपित ने स्वीकार किया कि उसने भी पुलिस और मंदिर को टारगेट कर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया।
आरोपितों ने पुलिस के समक्ष खुलासा किया है कि भीड़ में से कुछ लोग फायरिंग कर रहे थे। पत्थरबाजी और फायरिंग में कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। इसी बीच पुलिस की ओर से भी बल प्रयोग किया गया तो हम सभी वहां से भाग गए। इसके बाद 13 जून को रात पुलिस ने छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया।