पलामू : जिले के चर्चित प्रेमा देवी हत्याकांड के मुख्य आरोपी की मंगलवार को मौत हो गई। हत्या का आरोप पति अरविंद कुमार गुप्ता (45 वर्ष) पर लगा था। वह पिछले 7 वर्ष से मेदिनीनगर सेंट्रल जेल में बंद था। उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी। शारीरिक रूप से वह बेहद कमजोर हो गया था। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर गत 5 दिसंबर 2021 को आरोपी को मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती किया गया था। 23 दिनों बाद उसने दम तोड़ दिया।
जेल के तय प्रावधान के अनुसार दंडाधिकारी की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम कराया गया। बंदी की मौत की सूचना पर अस्पताल पहुंचे छोटे भाई सुनील प्रसाद ने बताया कि भाई के मौत की खबर मंगलवार दोपहर करीब 11 बजे मिली। सलतुआ पंचायत के मुखिया के परिजनों ने यह जानकारी परिवार को दी। भाई ने कहा कि जेल प्रशासन ने ना भाई के बीमार होने की खबर दी और ना ही मौत की जानकारी।
जेल अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने बताया कि परिवार का कोई सदस्य बंदी से मिलने नहीं आता था। इस कारण जेल प्रशासन परिवार के संपर्क में नहीं था ।कैदी जब भी बीमार पड़ा था। चैनपुर थाने के माध्यम से उसके परिवार को सूचित करने के लिए कहा जाता था। मौत की खबर भी जेल प्रशासन की तरफ से ही चैनपुर थाने को दी गई। इसके बाद थाने की तरफ से मुखिया के द्वारा कैदी के घर पर जानकारी भेजी गई।
कुछ ऐसा था मामला
पलामू के चर्चित आपराधिक मामलों में से एक प्रेमा देवी हत्याकांड को महिला के पति ने ही अंजाम दिया था। गत 30 नवंबर 2014 की रात प्रेमा देवी का अपहरण घर से ही कर लिया गया था। 6 दिसंबर 2014 को को प्रेमा का नग्न शव मिला था। जांच में पुलिस को पता चला था कि अरविंद का पत्नी प्रेमा के साथ विवाद था। अरविंद ने अपराधियों की मदद से पत्नी का पहले अपहरण कराया। फिर उसकी हत्या कराई। पुलिस ने प्रेमा का शव मिलने के 1 दिन पहले 5 दिसंबर 2014 को अरविंद को जेल भेजा था।
उसकी गिरफ्तारी रांची से हुई थी। तभी से अरविंद जेल में बंद था। 7 वर्षों में अरविंद से मिलने परिवार का कोई सदस्य कभी जेल नहीं गया। जेल में रहते हुए वह मानसिक रूप से बीमार हो गया था। वह नियमित तौर पर खाना नहीं खाता था। जिस कारण कमजोर होता गया और बीमार पड़ गया। जेल अधीक्ष्रक जितेंद्र कुमार ने बताया कि इसके पहले दो बार RIMS में अरविंद का इलाज कराया गया । मानसिक समस्या का इलाज रिनपास में कराया गया।