नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को पहली रैपिड ट्रेन के कॉरिडोर की सौगात आज देंगे, जिसका उद्घाटन आज 20 अक्तूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साहिबाबाद से करेंगे. फर्स्ट फेज में साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किमी लंबे प्राथमिकता खंड पर ट्रेनों के परिचालन को पीएम मोदी हरी झंडी दिखाएंगे. इससे दिल्ली से मेरठ से बीच वाले मुसाफिरों का सफर आसान होगा. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) का उद्घाटन करेंगे. पीएम आरआरटीएस गलियारे के तहत दिल्ली एनसीआर से गाजियाबाद और मेरठ के बीच चलने वाली पहली रैपिड रेल को हरी झंडी दिखाएंगे. वंदे भारत की तर्ज पर इसे नमो भारत ट्रेन नाम दिया गया है.

क्या है रैपिड रेल प्रोजेक्ट

रैपिड रेल का ट्रायल हो चुका है. रैपिड रेल ने 152 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा की स्पीड का आंकड़ा हासिल किया. पीएम के उद्घाटन करने के अगले दिन से ही रेल सेवा शुरू हो जाएगी.  रैपिड रेल को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) प्रोजेक्ट के तहत चलाया जाना है. दरअसल, एनसीआरटीसी भारत सरकार, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्यों की संयुक्त क्षेत्र की कंपनी है. इसका काम रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कार्यान्वयन है, ताकि इन क्षेत्रों के बीच बेहतर संपर्क और पहुंच के माध्यम से संतुलित और टिकाऊ शहरी विकास संभव हो सके. फर्स्ट फेज में रैपिड रेल साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच चलेगी. ये रूट 17 किलोमीटर लंबा है. इस रूट पर पांच स्टेशन होंगे. जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं.

क्या होंगी सुविधाएं

एनसीआरटीसी की मानें तो भारत का पहला ऐसा ट्रेन सिस्टम होगा, जिसमें ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी. यात्री मोबाइल और कार्ड के माध्यम से भी टिकट खरीद सकेंगे. रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतजाम है. इस ट्रेन में दिव्यांगों के लिए अलग सीट तैयार की गई है. सीटें बेहद आरामदायक हैं. ट्रेन में एडजस्टेबल चेयर है, इसके साथ ही खड़े होने वाले यात्रियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं. ट्रेन में वाईफाई की सुविधा, मोबाइल-यूएसबी चार्जर भी होंगे. इस नेटवर्क को भारतीय रेलवे, अंतरराज्यीय बस अड्डों, हवाई अड्डों और दिल्ली मेट्रो के साथ निर्बाध रूप से समायोजित किया जाएगा, ताकि यात्री बिना किसी बाधा के एक माध्यम से दूसरे में जा सके.

क्या होगा किराया

डीपीआर के अनुसार, ट्रेन में किराया करीब दो से तीन रुपये प्रति किमी होगा. दिल्ली मेट्रो की सात लाइनों पर रैपिड लाइन की कनेक्टिविटी होगी. इसे मुनिरका, आईएनए और एरोसिटी से जोड़ा जाएगा. आरआरटीएस प्रोजेक्ट के मुताबिक पूरे कॉरिडोर के साथ 24 स्टेशन बनाए जाएंगे. एजेंसी का अनुमान है कि प्रोजेक्ट 2025 में पूरा हो जाएगा, तो रोज आठ लाख यात्री इससे सफर कर सकेंगे.

30 रैपिड ट्रेनें चलाने की तैयारी

दिल्ली से मेरठ पहुंचने में एक घंटे का वक्त लगेगा. दिल्ली से मेरठ के बीच पूरे रूट के निर्माण के बाद कुल 30 रैपिड ट्रेनों को चलाने की तैयारी है. गाजियाबाद के दुहाई यार्ड में रैपिड रेल कॉरिडोर का ऑपरेशन एंड कमांड कंट्रोल सेंटर तैयार किया जा रहा है.

कितना आसान होगा सफर

आरआरटीएस नेटवर्क क्षेत्र के यात्रियों को 160 किलोमीटर की तेज गति पर हर 5-10 मिनट के बाद त्वरित और विश्वस्तरीय आवागमन सुविधा प्रदान करेगा. बिना रुके यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे 100 किलोमीटर की दूरी 45-50 मिनट के भीतर ही तय की जा सकेगी.

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