राँची। जिले के बुंडू प्रखंड की कांची नदी पर ढहे पुल का जायजा लेने के लिए आज शुक्रवार को इंजीनियरों का दल और सीआईडी विभाग के पदाधिकारी पहुंचे।पुल का निरीक्षण करने के बाद अधीक्षण अभियंता रमाकांत तिवारी एवं कार्यपालक अभियंता बृजेश कुमार वर्मा ने बताया कि इस पुल का निर्माण लगभग 14 करोड़ की लागत से कराया गया था।संवेदक को निर्माण कार्य 5 वर्ष तक पूर्ण कर देखरेख करना है।क्षतिग्रस्त पुल का सारा खर्च संवेदक से वहन कराया जाएगा।नहीं कराए जाने पर उसको काली सूची में डाला जाएगा।
झारखण्ड के सीएम हेमंत सोरेन ने ट्वीट किया है कि इस मामले में उन्होंने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिये हैं।उनके सेवा काल में भ्रष्टाचार व जनता के पैसों की लटू बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
बता दें कि राँची जिले के बुंडू की कांची नदी पर बने पुल का निर्माण कार्य 2014-15 में शुरू हुआ था।2017-18 में इसका निर्माण पूर्ण हुआ था।
इधर अधिकारियों ने बताया कि पुल निर्माण कार्य में गड़बड़ी की जांच की जा रही है।जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी. इधर, सरकार के निर्देश पर सीआईडी विभाग के इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार महतो के नेतृत्व में सीआईडी विभाग के अधिकारियों का दल घटनास्थल पर पहुंचा और स्थिति का जायजा लिया।इस दौरान अभियंताओं से बातचीत कर इसकी स्थिति से अवगत हुआ।
जिले के बुंडू प्रखंड की कांची नदी पर तीन साल पहले 14 करोड़ की लागत से बना पुल गुरुवार दोपहर चक्रवाती तूफान यास को लेकर हो रही बारिश से टूट गया था।पुल का उद्घाटन भी नहीं हुआ था।मामले में विभाग ने जांच के आदेश दिये हैं।यह पुल सरायकेला खरसावां जिले को जोड़ते हुए पश्चिम बंगाल को जोड़ता है।जिले का यह सबसे लंबा पुल बुंडू, तमाड़, सोनाहातू व राहे प्रखंड को भी जोड़ता है।अब लोगों को नदी पार करने के लिए 12 किलोमीटर दूरी तय करनी होगी।