रांची: बिरसा चौक के पास से रेलवे ने दूसरे दिन शनिवार को भी अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया. इस दौरान रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर घर बनाये लोगों को हटाया गया. इस दौरान कुल 53 कच्चे और पक्के मकानों को ध्वस्त किया गया. अतिक्रमण हटाने में तीन बुलडोजर लगाया गया था. घर टूटने से यहां 30 से 40 वर्षों से बसे लोगों का दर्द भी छलका. आंखों के सामने घर टूटता देख महिलाएं रोने लगीं. बच्चे भी रो रहे थे.
इसके अलावा कोई मायूस होकर सामान हटाने में लगा हुआ था, तो कोई अपने सामान के साथ इस सोच में पड़ा था कि ठंड के इस मौसम में आखिर जायें तो जायें कहां. काजल ने बताया कि उसके पिता नहीं हैं. तीन बहने हैं. कपड़े की दुकान में काम करती है. छह हजार रुपये मिलते हैं. किराया का मकान भी तीन से चार हजार रुपये में मिलता है. ऐसे में उसे समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें, कहां जायें. वहीं, अन्नू ने बताया कि उसका यहीं जन्म हुआ है. सरकार को हटाने से पहले बसाने का काम करना चाहिए.
सुबह 10 बजे शुरू हुआ अभियान
अभियान सुबह 10 बजे से शुरू हुआ़ आरपीएफ रांची के सहायक सुरक्षा आयुक्त पवन कुमार ने कहा कि कार्रवाई से पहले लोगों को नोटिस दी गयी थी. सामान हटाने के लिए एक सप्ताह से अधिक समय दिया गया. मौके पर आरपीएफ के 40 से अधिक जवान, आइआरबी के एक दर्जन से अधिक जवान व जिला पुलिस के जवान उपस्थित थे. मालूम हो कि यार्ड में ट्रेन को लाने के लिए अलग से बिरसा चौक तक एक लाइन बनाने की योजना है. इसी के मद्देनजर अतिक्रमण हटाया गया.