नई दिल्ली : देश के विभिन्न राज्यों से साइबर फ्रॉड का मामला सामने आता ही रहता है। लेकिन इस बार अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल फ्रॉड का मामला सामने आया है। इस ठगी ने झारखंड के जामताड़ा जिले को भी पीछे छोड़ दिया है। इस घटना को किसी और नहीं बल्कि एक चीनी नागरिक ने अंजाम दिया है। उसने एक चाइनीज एप बनाकर 1200 लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। बताया जाता है कि उस चीनी नागरिक ने लगभग 1400 करोड़ का डिजिटल फ्रॉड किया है।

मामले का खुलासा गुजरात पुलिस ने किया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार चीनी नागरिक ने गुजरात, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में लोगों को चूना लगाया है। पुलिस के अनुसार इस चाइनीज नागरिक ने लोगों  को जाल में फंसाने के लिए फुटबॉल सट्टेबाजी एप डेवलप कर गुजरात और यूपी के लगभग 1200 लोगों को शिकार बनाया और नौ दिनों में ही लगभग 1400 करोड़ रुपए की ठगी कर ली।

SIT जांच में खुलासा

इस डिजिटल फ्रॉड का मामला सामने आने के बाद गुजरात पुलिस की चूलें हिल गयी। फ्रॉड को उजागर करने के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन करना पड़ा। SIT टीम जांच के लिए चीन के शेन्ज़ेन क्षेत्र के वू उयानबे के पास तक गई। फ्रॉड फिर भी हाथ नहीं आया। इस फ्रॉड का पता पहली बार जून 2022 में चला था। ठगों ने “दानी डेटा” ऐप का इस्तेमाल करके गुजरात और उत्तर प्रदेश में लोगों को अपना निशाना बनाया।

स्थानीय लोगों को पैसे का लालच देकर अपने जाल में फंसाया

जांच के क्रम में SIT टीम को एक चीनी नागरिक की जानकारी मिली जो 2020 और 2022 के बीच भारत आया था। वह पाटन और बनासकांठा में कुछ समय तक रुका था। वहां के स्थानीय लोगों को पैसे का लालच देकर अपने जाल में फंसाया। फिर इसी दौरान मई 2022 में एक ऐप लॉन्च किया। ऐप के जरिये लोगों को सट्टा लगाने का लालच दिया गया। सबसे बड़ी बात यह कि वह चीनी ऐप के जाल में हर वर्ग के लोग फंस गये और हर रोज औसतन 200 करोड़ रुपये का ठगी करता था। मुख्य रूप से फुटबॉल खेल के माध्यम से ऐप ने नौ दिनों के बाद अचानक काम करना बंद कर दिया, जिससे निवेशकों को एहसास हुआ कि उनका पैसा डूब गया है।

डिजिटल फ्रॉड से जुड़े नौ लोग गिरफ्तार

CID (Crime) साइबर सेल ने इस डिजिटल फ्रॉड से जुड़े नौ लोगों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने कथित तौर पर शेल कंपनियां बनाकर हवाला नेटवर्क के माध्यम से पैसे की आवाजाही की सुविधा प्रदान की थी। हालांकि, अगस्त 2022 में जब गुजरात पुलिस ने कार्रवाई की, तब तक मास्टरमाइंड गायब हो चुका था और चीन लौट चुका था। उस चीनी नागरिक के प्रत्यर्पण के लिए भी पुलिस के पास कोई सबूत नहीं हैं।

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