Joharlive Team
रांची। झारखंड के बड़े पत्थर कारोबारियों में शुमार कांग्रेसी नेता अली अकबर समेत पांच की गिरफ्तारी का आदेश जारी हुआ है। अली अकबर पाकुड़ के मालपहाड़ी इलाके में अली एंड ब्रदर्स क्रशर के संचालक हैं। 10 अक्तूबर 2017 को अली एंड ब्रदर्स कंपनी की साइट पर पाकुड़ के तात्कालिन डीसी दिलीप झा और एसपी शैलेंद्र कुमार वर्णवाल ने छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान जमीन के नीचे से भारी संख्या में छिपा कर रखी गई विस्फोटक, जिलेटिन समेत अन्य अवैध विस्फोटक पाए गए थे। केस को साल 2018 में सीआईडी ने टेकओवर किया था। सीआईडी एडीजी ने इस केस की समीक्षा के बाद सीआइडी एसपी को अली अकबर, अजहर इस्लाम, अजफारूल शेख, क्रशर के मैनेजर बॉबी शेख उर्फ हबीबुल शेख और मुंशी फारूख शेख की गिरफ्तारी का आदेश दिया है।
फरार रहने की स्थिति में करें कुर्की
अवैध विस्फोटक रखने के आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने का आदेश सीआईडी मुख्यालय ने दिया है। गिरफ्तारी नहीं होने पर सख्ती से कुर्की जब्ती की कार्रवाई का आदेश भी दिया गया है। इस संबंध में पाकुड़ एसपी राजीव रंजन सिंह का भी कार्रवाई का आदेश दिया गया है।
सीआईडी जांच से बचने के लिए रची थी झूठी कहानी
एफआईआर दर्ज होने के बाद अभियुक्त अली अकबर ने बचाव में डीजीपी को आवेदन दिया था। आवेदन में बताया गया था कि वह घटना के वक्त अपने व्यवसाय से संबंधित कार्य से पश्चिम बंगाल के बालुघाट, रघुनाथपुर गए थे। वहां होटल सेरेना में रूम नंबर 104 में वह ठहरे थे, आवेदन में एफआईआर की तारीख 12 अक्तूबर 2017 बतायी गई है। अली अकबर के आवेदन की जांच में यह पाया गया कि पाया गया कि अली अकबर के यहां 10 अक्तूबर को छापेमारी हुई थी, छापेमारी के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए 11 अक्तूबर को वह पश्चिम बंगाल के लिए निकल गए थे। जांच रिपोर्ट में जिक्र है कि अली अकबर ने तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश कर बचने की कोशिश की। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी का आदेश जारी किया गया।
एएसआई के बयान पर दर्ज हुई थी एफआईआर
10 अक्तूबर 2017 को विस्फोटकों की बरामदगी के बाद मालपहाड़ी थाना के एएसआई रामकुमार मेहता के बयान पर अली अकबर, अजहर इस्लाम, अजफारूल शेख को नामजद आरोपी बनाया गया था। सीआईडी अनुसंधान शुरू होने के बाद कई लोगों का बयान पुलिस ने लिया, जिसके बाद अली अकबर को मुख्य आरोपी मानकर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।