Johar live desk: चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन, महानवमी, इस बार 6 अप्रैल 2025, रविवार को मनाया जा रहा है। इस दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा के साथ कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवमी पर नौ कन्याओं और एक बटुक बालक को देवी का स्वरूप मानकर पूजन किया जाता है।
शुभ मुहूर्त सिर्फ एक घंटे का
इस बार महानवमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:50 बजे तक रहेगा। यानी भक्तों को केवल 51 मिनट का विशेष समय मिलेगा जिसमें विधिपूर्वक पूजन करना श्रेयस्कर रहेगा।
मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि
महानवमी के रोज दिन की शुरुआत मां सिद्धिदात्री की पूजा से करें।
शुद्ध होकर लाल वस्त्र पहनें और मां के समक्ष दीप प्रज्वलित करें।
नौ कमल के फूल और नौ प्रकार के खाद्य पदार्थ अर्पित करें।
“ॐ ह्रीं दुर्गाय नमः” मंत्र का जाप यथाशक्ति करें।
अर्पित कमल के फूल को लाल वस्त्र में लपेटकर सुरक्षित रखें।
प्रसाद को बाद में निर्धनों में वितरित करें।
कन्या पूजन की विधि
महानवमी से एक दिन पहले ही कन्याओं को आमंत्रित करें। पूजन के दिन:
घर में फूलों से स्वागत करें
उनके पैर धोकर, साफ आसन पर बैठाएं
चंदन का टीका, रक्षासूत्र बांधें
आरती करें और विशेष भोज कराएं जिसमें खीर, पूरी, चने की सब्जी शामिल हो
भोज के बाद उपहार, दक्षिणा देकर सम्मानपूर्वक विदा करें
ध्यान दें: भोजन में लहसुन-प्याज का प्रयोग न करें।
विशेष उपाय: नौ ग्रहों की शांति और भय निवारण
मां सिद्धिदात्री के सामने घी का चौमुखी दीपक जलाएं
मिश्री, गुड़, केला, दही, देसी घी, पान का पत्ता आदि अर्पित करें
“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे” मंत्र का 108 बार जाप करें
9 लौंग और देसी कपूर को 9 लाल गुलाब के साथ मां को अर्पित करें
फिर लौंग को सिर के ऊपर उल्टा वार कर कपूर में जलाएं
यह उपाय अज्ञात भय से मुक्ति और ग्रह शांति के लिए अचूक माने जाते हैं।
इस महानवमी, मां सिद्धिदात्री की आराधना और कन्या पूजन से अपने जीवन में सुख, समृद्धि और मनोकामना पूर्ति का मार्ग प्रशस्त करें।
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