रांची: पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पांडेय पर लगा आरोप बेबुनियाद है. यह बात झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन झारखंड जगुआर शाखा के द्वारा कही गईं. जारी किए गए प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, कि बीते 21 जून को सांसद निशिकांत दुबे द्वारा मुख्यमंत्री को एक ट्वीट किया गया. जिसमें झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पांडेय पर आरोप लगाया गया ,कि विधायक बलात्कार केस में पीड़ित महिला को राकेश पांडेय के द्वारा धमकी दी जा रही है. और दबाव बनाया जा रहा है जो कि बेबुनियाद है.
परेशान करने की नियत से दिलवाया गया आवेदन:
जारी किए गए प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि 22 जून को यौन उत्पीड़न की पीड़िता से एक आवेदन प्रदेश अध्यक्ष को परेशान और फसाने की नियत से दिलवाया गया यह सस्ती लोकप्रियता पाने या दोबारा पीड़िता को अंगरक्षक उपलब्ध कराने से संबंधित हो सकता है.
दुर्भावना से ग्रसित होकर निंदनीय कार्य किया जा रहा है:
झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के द्वारा जारी किए गए प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि, सांसद के द्वारा पुलिस के प्रति संवेदी ट्वीट करते थे. उसमें प्रदेश अध्यक्ष के द्वारा अपनी बात मुखरता से रखा जाता था. जिस वजह से निशिकांत दुबे के द्वारा दुर्भावना से ग्रसित होकर बौखलाहट में इस तरह का निंदनीय कार्य किया जा रहा है. सांसद निशिकांत दुबे पुलिसकर्मी, सिपाही, हवलदार से लेकर पुलिस के आला अधिकारी पर बेबुनियाद आरोप लगाते रहे हैं. पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष होने के नाते राकेश पांडे हमेशा पुलिस पर लगे आरोप को खंडन करते रहे हैं.
पीड़िता को बॉडीगार्ड लेकर रखने की आदत बन गई है:
प्रदेश अध्यक्ष के द्वारा पुलिस कर्मियों का पक्ष रखने के कारण बौखलाहट में अपने पद का गलत इस्तेमाल कर सांसद निशिकांत दुबे द्वारा इस तरह का कार्य किया जा रहा है. विधायक प्रदीप यादव पर केस करने वाली पीड़िता निशिकांत दुबे के प्रभाव में है. यह बात निशिकांत दुबे की ट्वीट और पीड़िता के आवेदन से स्पष्ट नजर आ रहा है.
पीड़िता को बॉडीगार्ड लेकर रखने की आदत बन गई है. बॉडीगार्ड वापस लिए जाने के बाद पीड़िता के द्वारा इस तरह का झूठा आरोप लगाकर प्रदेश अध्यक्ष को फंसाने का प्रयास किया जा रहा है. झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के झारखंड जगुआर शाखा के द्वारा मांग किया गया है कि इस मामले की जांच करा कर प्रदेश अध्यक्ष और झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन की छवि धूमिल करने की साजिश में शामिल लोगों पर उचित कार्रवाई की जाए.