रांची: शिक्षक दिवस 5 सितंबर को झारखंड सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए विरोध में टेट पास पारा शिक्षकों ने राजधानी की सड़कों पर भिक्षाटन करने का निर्णय लिया है। इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
क्या है कारण
टेट सफल सहायक अध्यापकों का मानना है कि एक तरफ अल्पसंख्यक विद्यालयों में बिना झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (JTET) के सिर्फ प्रशिक्षण के आधार पर सीधे 4200-4600 ग्रेड पे पर बिना किसी परीक्षा के शिक्षक बहाली की गई। विभागीय आदेश को भी प्रतिनिधि मंडल के मिलते ही आनन फानन में बदल दिया गया। वहीं, दूसरी तरफ 19-20 वर्षो से कार्य कर रहे वैसे टेट पास पारा शिक्षकों को वेतनमान का आश्वासन देकर भी सरकार सिर्फ ठगने का कार्य कर रही है।
सहायक शिक्षक की पूरी अहर्ता रखते हैं
आंदोलन कर रहे टेट पास पारा शिक्षकों का कहना है कि शैक्षणिक स्तर को ऊपर ले जाने में पारा शिक्षक महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। टेट पास पारा शिक्षक सहायक शिक्षक बनने की पूरी अहर्ता रखते हैं। NCTE तथा NEP मापदण्ड को भी पूरा करते हैं। 2013 एवं 2016 से झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण हैं।
महाधिवक्ता व उच्च स्तरीय कमिटी की अनुशंसा को किया दरकिनार
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा झारखंड महाधिवक्ता से लिया गया लिखित परामर्श में शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण पारा शिक्षकों को वेतनमान प्रदान करने की अनुशंसा भी है। इसके अलावे 9 JUNE 2020 को उच्च स्तरीय कमिटी ने भी वेतनमान प्रदान करने की अनुशंसा की थी, परंतु आज तक हमें वेतनमान से वंचित रखा गया है। सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली का विरोध कर रहे पारा शिक्षकों का कहना है कि हमसे 9 घंटे की लंबी परीक्षा लेकर 2400-2800 ग्रेड पे दिया जाएगा, जो कहीं से न्यायोचित नहीं है।