रांची: शिक्षा विभाग ने शिक्षक नियुक्ति संशोधन नियमावली को अंतिम रूप दे दिया है और इससे शिक्षक पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थियों को ज्यादा लाभ नहीं मिलेगा. इन अभ्यार्थियों को भी शिक्षक नियुक्ति के लिए परीक्षा देनी होगी और उस परीक्षा के अंक के आधार पर ही मेधा सूची तैयार की जाएगी.
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों के एकेडमिक प्रमाण पत्र, शिक्षक पात्रता परीक्षा परिणाम के आधार पर मेधा सूची जारी की जाती थी. अलग-अलग जिलों में अलग-अलग काउंसलिंग और मेरिट के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति की जाती थी. इसके बावजूद सीटें रिक्त रह जाती थी. लेकिन अब एक ही परीक्षा के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय लिया गया है. राज्य भर में 2013 के टेट पास 48 हजार और 2016 के टेट पास 53 हजार अभ्यर्थी है. जो लगातार शिक्षक नियुक्ति की मांग को लेकर आंदोलनरत है.
झारखंड से मैट्रिक पास करना जरूरी
शिक्षा विभाग ने शिक्षक पात्रता परीक्षा संशोधित नियमावली को लेकर कार्मिक और विधि विभाग से सहमति ले ली है. शिक्षा मंत्री के पास प्रस्ताव पर अंतिम सहमति के लिए भेजा गया है. शिक्षा मंत्री की अनुमति मिलने के बाद इस प्रस्ताव को मंत्रिमंडल से स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा और फिर इसे राज्य भर में लागू कर दिया जाएगा.
वर्ष 2016 में अंतिम बार शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित हुई थी और फिर 2019 में पहली बार शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली बनाई गई थी. इस नियमावली में त्रुटियां हैं और उसे दूर करने के बाद ही शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. संशोधित नियमावली के अनुसार प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा लेगा. इसमें वही अभ्यर्थी शामिल हो सकेंगे जिन्होंने झारखंड के किसी स्कूल से मैट्रिक के परीक्षा पास की होगी.