प्रकाश शाहा
बचरा । टेरर फंडिंग मामले में 77 लोगों के खिलाफ पिपरवार थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से पिपरवार एवं एनके एरिया में चर्चा का विषय बन गया है। केस में नामजद आरोपी अधिकांश क्षेत्र के विस्थापित परिवार से जुड़े लोग है। या फिर विस्थापित नेता । 77 लोगों को उग्रवादी गतिविधि में शामिल रहने या उग्रवादियों को फंड मुहैया कराने का आरोप लगा है। इस मामले को लेकर मंगलवार दिन भर क्षेत्र में चौक- चोराहों पर चर्चा का विषय बना रहा। कुछ लोगों में उनके आदमी के केस में फंसने से माहौल गमगीन रहा तो कुछ लोगों में खुशी भी दिखा। वहीं पुलिस का टारगेट है कि क्षेत्र में किसी भी प्रकार का अवैध वसूली नहीं होने दिया जाएगा। अगर इसके बाद भी कोई व्यक्ति अवैध वसूली के लिए हाथ आगे बढाया तो कानूनी कार्रवाई कर जेल के सलाखों में कैद होगा। टंडवा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी आशुतोष कुमार सत्यम ने कहा कि कांड के आरोपी अभियुक्त के विरुद्ध पुलिसिया कार्रवाई तेजी से होगा। किसी भी हाल में आरोपी जेल में बंद होंगे। एसडीपीओ ने कहा कि टेरर फंडिंग के आरोपी पताल में होंगे तो भी कानून का हाथ इतना लंबा है कि पताल से खोजकर निकाला जायेगा। इस मामले को लेकर दबी जुबान भी क्षेत्र में चर्चा है कि बड़े – बड़े नीजि कंपनियों के दबाव में आकर विस्थापितों और उनके नेताओं को मुकदमा में फंसाया जा रहा है। इस मामले को लेकर एनके एरिया और पिपरवार एरिया में आंदोलन भी हो सकता है। ऐसा संभावना नजर आ रहा है। इसके लिए विस्थापितों प्रभावितों एंव डंप में काम करने वाले मजदूरों का सहारा लिया जा सकता है। इतना ही नहीं टेरर फंडिंग मामले में सीसीएल के अधिकारी एवं कांटा बाबूओं के ऊपर मुकदमा दर्ज होने से इस धंधे में संलिप्त कई सीसीएल अधिकारियों तथा कर्मचारियों में हड़कंप मचा है। सभी अपने – अपने तरीके से बचने और बचाने के उपाय में लगे हैं। जबकि दूसरी तरफ टंडवा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी आशुतोष कुमार सत्यम ने कहा कि इस मामले में अन्य कई ब्यक्ति का भी नाम आ सकता है इसके लिए पुलिस का अनुसंधान जारी है।

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