Joharlive Desk
इस्लामाबाद । पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने आतंकवादी हाफिज सईद को बुधवार को दो मामलों में साढ़े पांच-साढ़े पांच साल कैद की सजा सुनाई। प्रतिबंधित संगठन जमात उद दावा सरगना को आतंक वित्तपोषण के दो मामलों में लाहौर की आतंकवाद रोधी अदालत ने सजा सुनाई है। दोनों ही मामलों में साढ़े पांच-साढ़े पांच साल कैद की सजा सुनाई गई है जो साथ-साथ चलेगी। उस पर पंद्रह हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है।
पेरिस में होने वाली वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की बैठक से चार दिन पहले पाकिस्तान की एक अदालत ने मुंबई हमले 2008 के साजिशकर्ता हाफिल सईद को आतंकवाद को वित्त पोषित करने वाले दो मामले में साढ़े पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई है।
समाचार पत्र द डान की एक रिपोर्ट के अनुसार जमात-उद-दावा के प्रमुख पर दोनों मामलों में 15-15 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया है। उसे पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधक विभाग (सीटीडी) ने पिछले वर्ष जुलाई में उस समय गिरफ्तार किया था, जब वह लाहौर से गुजरावाला जा रहा था।
उसकी गिरफ्तारी से पहले सईद तथा जमात के नायब ऐमीर अब्दुल रहमान मक्की के खिलाफ लाहौर, गुंजरावाला, मुल्तान, फैसलाबाद और सरगोधा में 23 प्राथमिकी दर्ज थी।
आतंकवाद निरोधक दस्ते के मुताबिक यह संगठन गैर सरकारी संगठनों से धन एकत्र कर इसका इस्तेमाल आतंकवाद के वित्त पोषण में करता है, और अल अनफाल ट्रस्ट, दावतुल इरशाद ट्रस्ट, मुआज बिन जाबाल ट्रस्ट तथा अन्य संगठनों से धन हासिल करता था।
इन गैर सरकारी संगठनों पर पिछले वर्ष अप्रैल में प्रतिबंध लगा दिया था और इस बात की पुष्टि भी हो चुकी है कि इन संगठनों का संपर्क जमात उद दावा से रहा है।
इस वर्ष की एफएटीएफ का शुरुआती सत्र पेरिस में 16 से 21 फरवरी होगा और पाकिस्तान में लाहौर की अदालत ने शायद इस बात को लेकर उसे दोषी ठहराया है ताकि पाकिस्तानी सरकार अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस बात को मजबूती से कह सके कि हम आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने में नहीं हिचकते हैं।