New Delhi : दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (IGI) आने वाले महीनों में बड़े बदलावों से गुजरेगा. दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने बुधवार को घोषणा की कि टर्मिनल 2 (T2) को अस्थायी रूप से बंद किया जाएगा. यह बंदी अप्रैल से शुरू होकर चार से पांच महीने तक जारी रहेगी. इसके साथ ही, एक रनवे को भी अपग्रेड करने के लिए बंद किया जाएगा. इस अपग्रेड का मुख्य उद्देश्य उन्नत लैंडिंग सिस्टम (ILS) को अपग्रेड करना है, ताकि हवाई अड्डे की कार्यक्षमता को बेहतर बनाया जा सके.
दिल्ली एयरपोर्ट पर तीन टर्मिनल (T1, T2, T3) हैं, जिनकी कुल क्षमता 109 मिलियन यात्रियों तक की है. T2 टर्मिनल की वार्षिक क्षमता 15 मिलियन यात्रियों की है. T1 की क्षमता 40 मिलियन यात्रियों की है, इसलिए T2 का सारा लोड अब T1 पर शिफ्ट किया जाएगा.
DIAL के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार ने बताया कि T1 को 15 मार्च तक पूरी तरह तैयार कर लिया जाएगा. इस टर्मिनल से उड़ानों का संचालन तभी शुरू होगा जब सभी मानकों को पूरा कर लिया जाएगा.
T3 टर्मिनल में होगा बड़ा बदलाव
हवाई यात्रा में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए, T3 टर्मिनल के कुछ हिस्सों को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए परिवर्तित किया जाएगा. T3 का “पियर C” सेक्शन, जो आमतौर पर घरेलू उड़ानों के लिए उपयोग होता है, अब अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बदला जाएगा. इस बदलाव के बाद, T3 की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की क्षमता बढ़कर 32 मिलियन हो जाएगी.
DIAL के सीईओ ने कहा, “इस बदलाव से अगले चार से पांच वर्षों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा की बढ़ती मांग को संभालने में मदद मिलेगी.”
क्यों जरूरी था यह बदलाव?
- T3 टर्मिनल की डिज़ाइन क्षमता 34 मिलियन अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की थी, लेकिन वर्तमान में यह 45 मिलियन यात्रियों को संभाल रहा है. वर्तमान में, T3 से रोजाना लगभग 67,000 से 68,000 अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ान भरते हैं.
- सालाना यह संख्या 24 मिलियन तक पहुंच जाती है, जबकि इसकी अधिकतम क्षमता 20 मिलियन की थी.
- यानी एयरपोर्ट अपनी क्षमता से 20 फीसदी अधिक लोड झेल रहा था, इसलिए इस विस्तार की सख्त जरूरत थी.
रनवे अपग्रेडेशन
दिल्ली एयरपोर्ट के एक रनवे को अप्रैल से अपग्रेड करने के लिए बंद किया जाएगा. इसमें CAT III B अपग्रेड किया जाएगा, जिससे कम विजिबिलिटी (कोहरा, धुंध) के दौरान भी उड़ानें सुचारू रूप से संचालित हो सकेंगी. इस अपग्रेड का काम सर्दियों से पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि दिल्ली की घनी धुंध के दौरान भी विमान संचालन में कोई दिक्कत न हो.
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