नई दिल्ली: इजरायल और लेबनान के बीच बढ़ते तनाव के बीच इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आज एक आपात बैठक बुलाई. इस बैठक में इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने अगले 48 घंटों के लिए इमरजेंसी का ऐलान किया. वहीं इजरायली होम फ्रंट कमांड ने राजधानी तेल अवीव और उत्तर क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों के लिए नए सुरक्षा प्रतिबंध लागू किए हैं. इन प्रतिबंधों के तहत, स्कूल और ऑफिस केवल तभी खुल सकते हैं जब उनके पास आस-पास आश्रय स्थल हों. इमारतों में 300 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर और बाहर 30 से ज्यादा लोगों के एक साथ रहने पर पाबंदी लगाई गई है. लेबनानी सीमा के पास के समुद्र तट भी लोगों के लिए बंद कर दिए गए हैं.

आत्मरक्षा के लिए हर संभव प्रयास

प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने बैठक में कहा, “हम अपने देश की रक्षा करने और उत्तर के निवासियों को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. जो कोई भी हमें नुकसान पहुंचाता है, हम उसे भी नुकसान पहुंचाएंगे. इस बयान से इजरायल के दृढ़ संकल्प का संकेत मिलता है कि वे अपने क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क हैं.

हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच संघर्ष

इजरायल की सेना ने हाल ही में ईरान समर्थित हिजबुल्लाह के ठिकानों पर ताबड़तोड़ हवाई हमले किए थे, जिसके जवाब में हिजबुल्लाह ने लेबनान से इजरायली क्षेत्र की ओर 320 से अधिक कत्युशा रॉकेट दागे. हिजबुल्लाह ने अपने सैन्य कमांडर फुआद शुक्र की हत्या के जवाब में ये हमले किए हैं. वहीं इन सबके बीच व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता सीन सैवेट ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इजरायल और लेबनान में हो रही घटनाओं पर करीबी नजर रखे हुए हैं. उन्होंने बताया कि बाइडेन की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम ने इस संकट के दौरान इजरायली अधिकारियों के साथ लगातार संवाद बनाए रखा है. सैवेट ने पुष्टि की कि अमेरिका इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता रहेगा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए प्रयासरत रहेगा.

 

Share.
Exit mobile version