विवेक शर्मा

रांची : राजधानी के दूसरे सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल सदर में अब मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिलने वाली है. जहां पर टेनिस एल्बो की समस्या से जूझ रहे मरीजों का इलाज किया जाएगा. वहीं कई अत्याधुनिक सुविधाएं मरीजों को मिलेगी. जी हां, हॉस्पिटल के फिजियोथेरेपी डिपार्टमेंट को अपग्रेड किया जा रहा है. वहीं हाईटेक मशीनें मंगाई जा रही है. जिससे कि कुछ मिनटों में ही मरीजों को दर्द से राहत मिल जाएगी. इतना ही नहीं लंबे समय से दर्द व जकड़न से जूझ रहे लोगों को भी रेगुलर थेरेपी से छुटकारा मिल जाएगा.

माइनस 30 डिग्री तक कोल्ड थेरेपी

हॉस्पिटल में मशीनों के लग जाने के बाद माइनस 30 डिग्री तक कोल्ड थेरेपी दी जा सकेगी. इसके अलावा स्पोर्ट्स इंज्यूरी, एशियल इंज्यूरी, इलेक्ट्रिक स्टिमुलेशन, पैरालेल बैलेंसिंग, न्यूरो कंडिशन, सीपी चाइल्ड, आर्थो, क्लब फुट के ट्रीटमेंट के बाद एक्सरसाइज, एड़ी दर्द, लिगामेंट, फेस पाल्सी, पैरालाइसिस का ट्रीटमेंट जैसी सुविधाएं उपलब्ध हो जाएगी.

पैरालाइसिस का भी इलाज

अगर किसी को पैरालाइसिस अटैक आय़ा है तो कई बार शरीर के अंग प्रभावित हो जाते है. ऐसे में उसे ठीक करने के लिए फिजियोथेरेपी का सहारा लिया जाता है. इसी के तहत फेस पाल्सी जो पैरालाइसिस का ही एक रूप है उसका भी इलाज किया जाएगा. वहीं स्पोर्ट्स इंज्यूरी का ट्रीटमेंट सदर में किया जाएगा. यह सुविधा मरीजों को फ्री में मिलेगी.

प्रेग्नेंसी में भी मददगार

फिजियोथेरेपी प्रेग्नेंसी में भी मददगार है. चूंकि इस दौरान फिजियोथेरेपिस्ट की निगरानी में कुछ एक्सरासाइज करने की सलाह दी जाती है. जिससे कि डिलीवरी के समय महिलाओं को परेशानी कम होती है. इसके अलावा फिजियोथेरेपी से गर्भ में ही बच्चों की पोजिशन भी बदली जा सकती है. जिससे समझा जा सकता है कि फिजियोथेरेपी का रोल कितना महत्वपूर्ण है.

फिजियेथेरेपी डिपार्टमेंट के डॉ अभय कुमार पांडेय ने बताया कि मशीनों के पर्चेज का आर्डर दिया जा चुका है. इंस्टालेशन के बाद मरीजों को सुविधा मिलने लगेगी.

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