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टेंडर कमीशन घोटाला: 3 जून को फिर मनीष रंजन से पूछताछ करेगी ईडी

3000 करोड़ से अधिक के टेंडर घोटाले की खुल रही परत दर परत, घोटाले में शामिल कई नए किरदार आ रहे हैं धीरे-धीरे सामने

रांची : टेंडर कमीशन घोटाला मामले में आईएएस मनीष रंजन की मुश्किल कम होती नहीं दिख रही है. मंगलवार को 8 घंटे की पूछताछ में ईडी ने उनसे कई सवाल पूछे और 4 हफ्ते में उनकी संपत्ति से जुड़े दस्तावेज मांगे. अब अब एक बार फिर उन्हें 3 जून को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया गया है. टेंडर कमीशन घोटाले की जांच के दौरान मंत्री आलमगीर आलम के पीएस रहे संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर के फ्लैट से ईडी को कई दस्तावेज हाथ लगे हैं. उसमें कमीशन की राशि किन-किन लोगों को जाती थी, इसका पूरा विवरण मौजूद है. इन्हीं डॉक्यूमेंट से ईडी को मनीष रंजन का लिंक मिला है. ईडी ने इससे पहले उन्हें 24 मई को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन उन्होंने पत्र भेजकर ईडी से अगली तारीख मांगी थी. इसके बाद ईडी ने फिर उन्हें 25 मई को समन भेजा था और 28 मई को पूछताछ के लिए बुलाया था.

4 साल में 5 से 105 हाईवा हो गये हाकिम के नाम

उधर टेंडर कमीशन घोटाला में हाकिम नाम का एक और किरदार सामने आ गया है. यह मंत्री आलमगीर आलम का करीबी बताया जाता है. उसके पास वर्ष 2020 में सिर्फ पांच हाइवा हुआ करता था, लेकिन आज उसके नाम से 107 हाइवा व जेसीबी है. इन गाड़ियों की अनुमानित कीमत करीब 100 करोड़ है. हाकिम ने सभी वाहनों की रजिस्ट्रेशन पाकुड़ से ही कराया है. हाकिम ने 107 वाहनों को खरीदने के लिए अलग-अलग बैंकों से लोन लिया है. जिन बैंकों से हाकिम ने लोन लिया है, उनमें एसबीआई, सीआईएफसीएल, एमएमएफएसएल, एक्सिस बैंक, एचडीबी, आईबीएल, कोटक, फेडरल, टीएमएफ, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और टाटा कैपिटल बैंक शामिल है. बताया जाता है कि हाकिम की सारी गाड़ियां सरकारी कांट्रैक्ट के काम में लगते हैं.

अबतक 8 लोगों की हुई है गिरफ्तारी

टेंडर घोटाले में अबतक मंत्री आलमगीर आलम समेत 8 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. ईडी का दावा है कि टेंडर घोटाला 3000 करोड़ से अधिक का है. ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के अंतरिम जमानत से जुड़े मामले में दाखिल हलफनामे में आंशिक रूप से इसका दावा किया है. मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी वर्क आर्डर आवंटन के बदले ठेकेदारों, इंजीनियरों से कमीशन वसूलने के मामले में हुई है. टेंडर कमीशन घोटाले में ही पिछले साल ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम को गिरफ्तार किया था. उसके खिलाफ जांच में करीब सवा सौ करोड़ की अवैध संपत्ति अर्जित करने का पता चला था. मिले सबूतों से पता चला कि यहां टेंडर में एक निश्चित कमीशन वरिष्ठ मंत्री व अधिकारियों को जाता है. ईडी ने छह मई को ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल व संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम को गिरफ्तार किया था. तब छापेमारी में जहांगीर आलम के फ्लैट से 32 करोड़ 20 लाख रुपये नकदी मिले थे.

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