नई दिल्ली। सीबीआई ने बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव को आज यानी 11 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया है। एजेंसी ने उन्हें जमीन के बदले नौकरी मामले में समन जारी किया है। बताया गया है कि इससे पहले सीबीआई ने 4 फरवरी को भी समन भेजा था, लेकिन वे पेश नहीं हुए थे। इसके बाद अब उन्हें एक और समन भेजा गया है। हालांकि, तेजस्वी ने आज सीबीआई के सामने पेश होने में असमर्थता जताई है। बताया गया है कि उन्होंने अपनी पत्नी के स्वास्थ्य का हवाला दिया है। उनकी पत्नी को कल ही दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वे गर्भवती हैं और 12 घंटे की पूछताछ की वजह से बीपी की समस्या के चलते बेहोश हो गई थीं।
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही इस मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवारवालों के दिल्ली और बिहार स्थित ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की थी। इनमें लालू की तीन बेटियों और राजद के नेताओं के परिसर शामिल हैं। बताया गया है कि जमीन के बदले नौकरी केस में ईडी ने यह कार्रवाई की है। ईडी ने लालू के जिन परिवारवालों के परिसरों पर छापे डाले, उनमें उनकी बेटी रागिनी यादव, चंदा यादव और हेमा यादव का नाम शामिल है। इसके अलावा जमीन के बदले नौकरी और आईआरसीटीसी केस में भी ईडी की एक टीम लालू के करीबी अबु दुजाना के पटना, फुलवारी शरीफ, दिल्ली-एनसीआर, रांची और मुंबई परिसरों पर पहुंची।
जमीन के बदले नौकरी मामले में मंगलवार को सीबीआई की एक टीम ने लालू प्रसाद यादव से पूछताछ की थी। सीबीआई की टीम ने लालू यादव से करीब पांच घंटे पूछताछ की। लंच से पहले दो घंटे से ज्यादा और इसके बाद करीब तीन घंटे तक टीम ने राजद सुप्रीमो से सवाल पूछे गए थे। वहीं, इसी मामले में सोमवार को लालू की पत्नी राबड़ी देवी से पटना स्थित उनके निवास में पूछताछ की गई थी।
नौकरी के बदले जमीन घोटाला क्या है?
- रेल भर्ती से जुड़े एक और घोटाले का आरोप यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहे पवन बंसल के भांजे विजय सिंगला पर भी लगा है।
- मामले में भी सीबीआई ने विजय सिंगला समेत 10 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में विजय सिंगला पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है।
- 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि लालू के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे भर्ती में घोटाला हुआ। कहा जा रहा है कि नौकरी लगवाने के बदले आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए।
- सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद लालू प्रसाद यादव और उनकी बेटी मीसा भारती के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोप है कि जो जमीनें ली गईं वो राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर भी ली गईं।