News Delhi : अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के दोषी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. कोर्ट ने उसकी दोषसिद्धि के खिलाफ दायर समीक्षा याचिका खारिज कर दी, जिससे भारत को उसे प्रत्यर्पित करने का रास्ता साफ हो गया है. राणा, जो पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, उसे कई सालों से भारत द्वारा प्रत्यर्पित करने की मांग की जा रही थी.
US Supreme court clears decks for 26/11 plotter Tahawwur Rana’s extradition to India
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— ANI Digital (@ani_digital) January 25, 2025
अंतिम कानूनी लड़ाई भी हारा राणा
यह अंतिम कानूनी लड़ाई थी जो राणा ने अमेरिकी अदालतों में लड़ी थी. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी में उसकी याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बाद वह अपनी कानूनी लड़ाई हार गया. वह वर्तमान में लॉस एंजिल्स के मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर में हिरासत में है.
एफबीआई ने शिकागो से 2009 में किया था अरेस्ट
तहव्वुर राणा का नाम 26/11 मुंबई आतंकी हमले में भी जुड़ा हुआ है, और वह एफबीआई द्वारा 2009 में शिकागो से गिरफ्तार किया गया था. अब, राणा को जल्द ही भारत भेजा जाएगा, जहां उसे भारतीय न्याय व्यवस्था के तहत मुकदमे का सामना करना पड़ेगा.
लश्कर-ए-तैयबा का था मेंबर, हेडली की मदद की
तहव्वुर राणा मौजूदा समय में लॉस एंजिल्स की जेल में बंद है. 63 वर्षीय राणा लश्कर-ए-तैयबा का एक्टिव मेंबर था और उसने आतंकी डेविड कोलमन हेडली को मदद पहुंचाई थी. हेडली मुंबई अटैक का मास्टरमाइंड है. भारत उसके भी प्रत्यर्पण की मांग लंबे समय से करता आ रहा है. अब भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा को लाने का रास्ता साफ हो गया है.
पाक में जन्म, कनाडा का बना नागरिक
राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ है. मगर बाद में वह कनाडा का नागरिक बन गया. कनाडा जाने से पहले राणा ने 10 वर्षों तक पाकिस्तान की सेना में बतौर डॉक्टर जॉब किया. बाद में वह भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रचने लगा. जर्मनी, इंग्लैंड, कनाडा समेत वह कई देशों की यात्रा कर चुका है. डेविड हेडली और लश्कर के साथ मिलकर मुंबई हमले की साजिश रची. 26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने देश की आर्थिक राजधानी मुबंई को दहलाया था. आतंकी हमले में छह अमेरिकी नागरिक समेत कुल 166 लोगों की जान गई थी.
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