रांची : झारखंड की जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे के हर साल माननीयों का टैक्स भरा जाता है. वह भी हर साल टैक्स के रूप में पांच करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं. हालांकि, माननीयों का बेसिक कम है. इसके बावजूद कमाई पर वे टैक्स तक अपनी जेब से नहीं भरते और जनता की गाढ़ी कमाई के पैसों का इस्तेमाल सरकार इन ‘माननीयों’ का टैक्स भरने के लिए करती है.
हर साल टैक्स में 5 करोड़ का खर्चा
हर साल 82 ‘माननीयों’ के टैक्स पर 5 करोड़ का खर्च आता है जिसे सरकार ही वहन करती है. झारखंड विधानसभा के ज्यादातर ‘माननीय’ करोड़पति हैं. इनकी औसत कमाई 2014 में करीब 1.5 करोड़ थी जो अब बढ़कर लगभग 3.5 करोड़ तक जा पहुंची है. बताते चलें कि माननीयों की औसत संपति वृद्धि 2014 के अनुपात में 2023 में 74 फीसदी का इजाफा हुआ था. 2017 में आखिरी बार विधायकों के लिए वेतन की बढ़ोतरी की गई थी.
जानिए कितना है विधायकों, मंत्रियों का वेतन और भत्ता
विधायकों का वेतन 30,000-40,000, क्षेत्रीय भत्ता 20,000-50,000, सत्कार भत्ता 20,000-30,000, प्रभारी भत्ता 53,500- 74,500, चिकित्सा भत्ता 5,000-10,000
नेता विपक्ष वेतन 50,000-65,000, क्षेत्रीय भत्ता 30,000-80,000, सत्कार भत्ता 30,000-45,000, प्रभारी भत्ता 53,500- 74,500, चिकित्सा भत्ता 5,000-10,000, टेलीफोन भत्ता एक-एक लाख
विधानसभा अध्यक्ष वेतन 55,000 -78,000, क्षेत्रीय भत्ता 40,000-80,000, सत्कार भत्ता 35,000-60,000, प्रभारी भत्ता 53,500-74,500, चिकित्सा भत्ता 5,000-10,000, टेलीफोन भत्ता एक लाख (वार्षिक) 10,000 (प्रति माह)
मंत्री वेतन 50,000 -65,000, क्षेत्रीय भत्ता 30,000- 80,000, सत्कार भत्ता 30,000 -45,000, प्रभारी भत्ता 53,500 -74,500, चिकित्सा भत्ता 5,000 10,000
मुख्यमंत्री वर्तमान अनुमोदित वेतन 60,000- 80,000 क्षेत्रीय भत्ता 40,000- 80,000 सत्कार भत्ता 35,000- 60,000, प्रभारी भत्ता 53,500- 74,500, चिकित्सा भत्ता 5,000 -10,000