नई दिल्‍ली : टाटा मोटर्स के दो हिस्से होंगे. जी हां, मिली जानकारी के अनुसार टाटा मोटर्स दो अलग-अलग कंपनियों में बंटेगी. इसके लिए टाटा मोटर्स कंपनी के बोर्ड ने कंपनी के कारोबार को दो अलग-अलग लिस्‍टेड कंपनियों में बांटने के लिए मंजूरी दी है. इनमें से एक कमर्शियल व्हीकल (CV) के लिए होगी. वहीं, दूसरी पैसेंजर व्हीकल (PV) बिजनेस के लिए. इस बंटवारे का उद्देश्य तालमेल का लाभ उठाना और ग्रोथ को बढ़ावा देना है. सभी शेयरधारक दोनों इकाइयों में समान शेयरहोल्डिंग बनाए रखेंगे. इस डिमर्जर से ग्राहकों और कर्मचारियों पर कोई असर नहीं होगा.

कंपनी के अनुसार, यह विभाजन 2022 में पीवी और ईवी कारोबारों को अलग-अलग करने की तर्ज पर है. इससे जवाबदेही के साथ अपनी विकास रणनीतियों को आगे बढ़ाने का अधिकार मिलता है. कमर्शियल व्हीकल बिजनेस और उससे संबंधित निवेश एक इकाई में रखे जाएंगे. जबकि दूसरी इकाई में पैसेंजर व्हीकल बिजनेस, जिसमें पीवी, इलेक्ट्रिक व्हीकल, जगुआर, लैंड रोवर और संबंधित निवेश को शामिल किया जाएगा.

यह विभाजन टाटा मोटर्स बोर्ड, शेयरधारकों, लेनदारों और नियामकों की मंजूरी के अधीन है. इसे एनसीएलटी स्‍कीम के जरिये लागू किया जाएगा. पूरी प्रक्रिया 12-15 महीनों के भीतर पूरी होने की उम्मीद है. टाटा मोटर्स के कमर्शियल व्हीकल, पैसेंजर व्हीकल और जगुआर लैंड रोवर बिजनेस 2021 से ही अपने-अपने सीईओ के अधीन अलग-अलग काम कर रहे हैं. कंपनी ने बताया कि बेशक कमर्शियल व्हीकल और पैसेंजर व्हीकल बिजनेस के बीच सीमित कनेक्शन हैं. लेकिन, तीनों बिजनेस में कुछ ऐसी महत्वपूर्ण चीजें हैं जिनका कंपनी फायदा उठाना चाहती है.

टाटा मोटर्स का मानना है कि वो इन कनेक्शन्स का इस्तेमाल कर सकती है, खासकर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, सेल्फ-ड्राइविंग कार्स और कार सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में. कंपनी को भरोसा है कि इस ड‍िमर्जर का कर्मचारियों, ग्राहकों या बिजनेस पार्टनर्स पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा.

चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा, ‘टाटा मोटर्स ने पिछले कुछ सालों में मजबूत वापसी की है. तीनों व्‍हीकल बिजनेस यूनिट्स अब अपने दम पर चल रही हैं और अच्छा कर रही हैं. यह डिमर्जर उन्हें बाजार के मौकों का बेहतर फायदा उठाने में मदद करेगा क्योंकि वे ज्यादा फोकस्ड और फ्लेक्सिबल होंगे.’

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