रांची: सरकार वैसे तो टाना भगतों को हर सुविधा मुहैया कराने के दावे करती है. लेकिन यह सब आई वाश है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक टाना भगत को न केवल इलाज के लिए भटकना पड़ा बल्कि उसे हॉस्पिटल में इलाज व जांच के नाम पर पैसे वसूल लिए. उसके पास दवाई के भी पैसे नहीं थे. बुधवार को अस्पताल से डिस्चार्ज के बाद समाजसेवी ज्योति शर्मा ने दवाई उपलब्ध कराई. इसके बाद घर जाने में सहयोग किया. वहीं इसकी शिकायत सिविल सर्जन ऑफिस में एक अधिकारी से की. जिसके बाद उस टाना भगत को जांच के नाम पर वसूले गए पैसे भी वापस कराए गए. बता दें कि बालूमाथ के एक टाना भगत इलाज के लिए कुछ दिन पहले सदर अस्पताल रांची आए थे. जहां एक डॉक्टर ने उन्हें इलाज के लिए एक महीने बाद बाद आने को कहा और रिम्स रेफर कर दिया. इस बीच वहीं के एक स्टाफ ने उन्हें जल्दी इलाज करा देने की बात कही. 4 दिन बाद डॉक्टर से दिखाकर उसकी सर्जरी भी हो गई. इस बीच जांच के नाम पर 800 मांगे गए. लेकिन उनके पास 650 रुपए ही थे जो उन्होंने दे दिए. आज जब उसे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया तो कुछ दवाएं उन्हें डिस्पेंसरी से नहीं मिली. वहीं उनके पास पैसे भी नहीं थे.