Joharlive Team

रांची : झारखंड पुलिस ने तबरेज अंसारी भीड़ हिंसा केस मामले में दायर आरोपपत्र में 10 सितंबर को मर्डर की धारा हटा दी थी। लगभग चार महीने पहले ही तबरेज अंसारी की चोरी के कथित आरोप में भीड़ द्वारा पिटाई की गई था। पिटाई से चार दिन बाद अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। जिसके बाद आरोपियों पर धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन पुलिस ने यह धारा खारिज कर दी थी।
जिसके बाद इस मामले को लेकर तबरेज अंसारी की पत्नी एस परवीन का कहा है कि मेरे पति को मौत के घाट उतार दिया गया था। परवीन ने कहा कि पहले इस मामले में धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में प्रशासन के प्रभाव में धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) में बदल दिया गया था।
अंसारी की पत्नी ने आगे कहा कि दोषियों को बचाने की कोशिश हो रही है, मैं चाहती हूं कि सीबीआई से मामले की जांच करानी चाहिए, ताकि हमें न्याय मिल सकें।

इससे पहले पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए कि कहा था कि अंसारी की दिल का दौरा (कार्डियक अरेस्ट) से मृत्यु हुई और यह कहा गया है कि यह पूर्व नियोजित हत्या का मामला नहीं है। गौरतलब है कि पुलिस ने पिछले महीने चार्जशीट में धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया था। पुलिस ने इससे पहले अंसारी की पत्नी की शिकायत पर दर्ज एफआईआर में आरोपियों पर हत्या का आरोप लगाया था।

गौरतलब है कि 18 जून को धातकीडीह गांव में भीड़ ने अंसारी को एक पोल से बांध दिया, उस पर चोरी का आरोप लगाया और उसके साथ मारपीट की। उसे कथित तौर पर जय श्री राम और जय हनुमान बोलने के लिए मजबूर किया।

उस पर हुए हमले के बाद, अंसारी को पुलिस ने चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। चार दिन बाद, उसे एक स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने मारपीट में घायल होने के कारण दम तोड़ दिया।

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