नई दिल्ली : सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए विभव कुमार की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई. आप सांसद स्वाति मालीवाल सुनवाई में शामिल होने के लिए दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट पहुंचीं.
बिभव कुमार के वकील ने अदालत के समक्ष बचाव में दलीलें पेश कीं. विभव कुमार के वकील ने कहा कि इस मामले में जिन धाराओं के तहत विभव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, उसका कोई औचित्य नहीं है. इस मामले में आईपीसी 308 के तहत केस दर्ज करने का कोई मतलब नहीं है. स्वाति मालीवाल को सीएम आवास पर नहीं बुलाया गया, उन्होंने जबरदस्ती मुख्यमंत्री आवास के अंदर घुसने की कोशिश की. कोर्ट में सुनवाई के दौरान स्वाति मालीवाल रोने लगीं.
Swati Maliwal assault case: AAP MP Swati Maliwal reached Delhi’s Tis Hazari court to attend the bail hearing of Delhi CM’s aide Bibhav Kumar
Senior advocate N Hariharan submitted that this bail application is maintainable. This is the right court which has jurisdiction to hear…
— ANI (@ANI) May 27, 2024
बिभव के वकील ने कहा कि स्वाति मालीवाल को सुरक्षा कर्मचारियों ने बाहर इंतजार करने के लिए कहा था लेकिन वह सुरक्षा क्षेत्र को पार कर अंदर चली गईं. सुरक्षा स्टाफ ने अपने बयान में यह भी कहा है कि मैडम ने मुझसे कहा था कि ‘आप सांसद को बाहर इंतजार कराएंगे.’
विभव के वकील ने कोर्ट में कहा कि स्वाति मालीवाल यह कहते हुए अंदर आईं कि ‘आप मुझे ऐसे नहीं रोक सकते.’ इसके बाद पीए विभव ने पूछा कि किसके निर्देश पर उन्हें अंदर आने की इजाजत दी गई. विभव का यह पूछना जायज है क्योंकि मुख्यमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है.
इसके बाद सुरक्षाकर्मी अंदर गए और उन्हें पूरे सम्मान के साथ बाहर निकाला गया. ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसी घटना कब होगी. (जैसा कि स्वाति आरोप लगा रही हैं) विभव के वकील ने पूछा कि क्या सांसद होने के नाते आपको कुछ भी करने का लाइसेंस मिल जाता है. उन्हें किसी ने सीएम आवास पर नहीं बुलाया था. जाहिर है, वह उस दिन सोची-समझी प्लानिंग के तहत वहां पहुंची थी. उस दिन वह बार-बार सुरक्षा कर्मचारियों से विभव के बारे में भी पूछ रही थी.
विभव के वकील ने कहा कि जब स्वाति मालीवाल बाहर आ रही थीं. वह सामान्य थी. उन्हें कोई दिक्कत नहीं दिखी. अगर स्वाति के साथ सच में कुछ गलत हुआ था तो उसने उसी दिन शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराई. इस मामले को लेकर उन्होंने तीन दिन बाद एफआईआर क्यों दर्ज करायी.
विभव के वकील ने कहा कि स्वाति मालीवाल दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी हैं. वह महिला के अधिकारों से भलीभांति परिचित हैं. यदि उनके किसी भी अधिकार का उल्लंघन हुआ है तो उन्हें तुरंत शिकायत दर्ज करानी चाहिए थी. जाहिर है कि एफआईआर तीन दिन बाद दर्ज की गई है. उन्होंने ये फैसला काफी सोच-विचार के बाद लिया है.