जामताड़ा: शहर के गांधी मैदान में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन वृंदावन से पधारे कथावाचक महामंडलेश्वर स्वामी इंद्रदेव सरस्वती जी महाराज ने उपस्थित भक्तों को प्रहलाद के जन्म से लेकर राक्षस राज हिरण्यकश्यप के वध तक की पूरी कथा सुनाई. भागवत कथा सुनने के लिए भारी संख्या में महिला पुरुष उपस्थित हो रहे हैं. तीसरे दिन भव्य पंडाल पूरा खचाखच भरा हुआ दिखाई दिया. आलम यह था कि लोग पंडाल के बाहर बैठे नजर आए. स्वामी इंद्रदेव ने भागवत कथा सुनाने के साथ-साथ भागवत कथा के सार को अपने जीवन में समाहित करने की बात कही. भागवत कथा के महत्व को उन्होंने अपने सांसारिक जीवन में उतारने की बात कही. उन्होंने कहा कि भागवत कथा एक ऐसी कथा है जिसके सुनने से मनुष्य का जीवन सारे सांसारिक मोह-माया में बंधे रहने के बाद भी आनंदित रहता है. स्वामी जी ने रक्षस राज हिरण्यकश्यप और उनकी पत्नी कयाधू, जो श्री हरि की अनन्य भक्त थी के प्रसंग को बहुत ही सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया.

प्रहलाद के जन्म से लेकर हिरण्यकश्यप के वध होने तक और भगवान श्री हरि के नरसिंह अवतार लेने तक की सारी कथा को विस्तार से सुनाया. प्रभु नारायण के प्रति भक्त प्रहलाद के भक्ति को बहुत ही मार्मिक तरीके से लोगों के बीच रखा. इस बीच में राक्षस गुरु शुक्राचार्य के बारे में और होलीका के जलने की कहानी को विस्तार से सुनाया. भागवत कथा के साथ-साथ स्वामी जी ने पारिवारिक जीवन को संयमित तरीके से जीने के बहुत सारे उपाय बताए. भागवत कथा के निमित्त चौथे दिन यानी रविवार को श्री कृष्णा जन्मोत्सव की कथा प्रस्तुत की जाएगी. आयोजन की ओर से भीड़ नियंत्रण के लिए बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं. पुलिस प्रशासन के द्वारा भी गांधी मैदान में चौकसी बरती जा रही है. श्रीमद् भागवत कथा को लेकर लोगों में खासा उत्साह दिखाई दे रहा है.

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