रांची। डीएवी कपिलदेव स्कूल के निलंबित प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। आज जस्टिस सुभाष चंद्र की कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई की गयी। सुनवाई के बाद उनकी जमानत याचिका को मंजूर कर लिया गया. प्रार्थी की ओर से एके कश्यप एवं अनुराग कश्यप ने पैरवी की। उन्हें 30-30 हजार के निजी मुचलके पर जमानत की मंजूरी दी गई है।
डीएवी कपिलदेव स्कूल की नर्स के साथ उत्पीड़न किए जाने के मामले में को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। प्रार्थी की ओर से एके कश्यप एवं अनुराग कश्यप ने पैरवी की। उन्हें 30-30 हजार के दो निजी मुचलके पर जमानत मंजूर किया गया। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से दलील दी गई कि घटना के दो साल के बाद यह प्राथमिकी दर्ज कराई गई। प्राथमिकी दर्ज कराने वाली 24 साल की है। इतनी देर से प्राथमिकी दर्ज कराने का कोई भी सफिशिएंट कारण नहीं दिखलाया गया है. जब तत्कालीन प्रिंसिपल मनोज के द्वारा उसे नर्स के पोस्ट से हटाकर उसे स्कूल के गेट पर दरबान के साथ स्क्रीनिंग कराने की ड्यूटी दिया गया तो उसने केस दर्ज कराई।
बताते चलें कि निचली अदालत में निलंबित प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा ने जमानत के लिए याचिका दायर की थी. लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद मनोज कुमार सिन्हा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। निचली अदालत में उनकी जमानत याचिका अपर नयायायुक्त एसएम शाहजाद ने खारिज कर दी थी। मामले के जांच अधिकारी ने जांच पूरी करते हुए मनोज कुमार सिन्हा के खिलाफ 25 जुलाई को अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। निलंबित प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा होटवार स्थित केंद्रीय कारा में 80 दिनों से अधिक से बंद हैं।