JoharLive Team

रांची। पत्थलगड़ी को लेकर आम लोगों व ग्रामीणों को भड़काने के केस में अनुसंधानकर्ता खूंटी अंचल के इंस्पेक्टर सुकांत त्रिपाठी को निलंबित कर दिया गया है। इंस्पेक्टर सुकांत त्रिपाठी पर अनुसंधान में लापरवाही का आरोप है। खूंटी के प्रभारी एसपी आशुतोष शेखर ने समीक्षा के दौरान पाया है कि तत्कालीन इंस्पेक्टर सुकांत त्रिपाठी महत्वपूर्ण केस में लापरवाही बरते है। जिसके बाद तत्कालीन अनुसंधानकर्ता को निलंबित किया गया है। जबकि, पूर्व के अनुसंधानकर्ता इंस्पेक्टर दिग्विजय सिंह, खूंटी एवं तत्कालीन इंस्पेक्टर अमिताभ राय मारगहादा अंचल के खिलाफ अनुश्सानात्मक कार्रवाई करने की अनुशंसा की गयी है। खूंटी के प्रभारी एसपी ने समीक्षा की रिपोर्ट वरीय पुलिस अधिकारी को भेजा है।

पूर्व में आईजी अभियान ने जतायी थी नाराजगी

पत्थलगड़ी के मामले में नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस मुख्यालय आईजी अभियान आशीष बत्रा ने नाराजगी जतायी थी। आईजी अभियान ने खूंटी एसपी को इससे संबंधित पत्राचार भी किया था। इससे पूर्व खूंटी थाना में 20 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज हुई थी। जिसमें खूंटी एसपी आलोक ने अपनी जांच में मामला सत्य पाते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी का निर्देश दिया था।

20 पत्थलगड़ी समर्थक के खिलाफ दर्ज हुई थी प्राथमिकी

खूंटी के सांसद कडिया मुंडा के आवास से पुलिसकर्मियों को पत्थलगड़ी समर्थकों ने अगवा कर लिया था। जिसके बाद पुलिसकर्मियों को मुक्त कराने पुलिस टीम घाघरा पहुंची थी और पत्थलगड़ी समर्थकों ने आगे बढ़ने से रोक दिया था। इसके बाद पुलिसकर्मियों को छुड़ाने का काफी प्रयास किया गया था। मगर, पत्थलगड़ी समर्थक वार्ता करने सामने नहीं आये। फिर दूसरे दिन पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गांव में प्रवेश कर अगवा पुलिसकर्मियों को पत्थलगड़ी समर्थकों के चंगुल से मुक्त कराया था। इस मामले में बोलेसा बबीता कच्छप, सुकुमार सोरेन, बिराग नाग, थॉमस रुण्डा, वालटर कन्डुलना, धनश्याम बिरुली, धरम किशोर कुल्लू, सामू टुडू, गुलशन टुडू, मुक्ति तिर्की, राकेश रोशन किरो, अजल कन्डुलना, अनुपम सुमित केरकेट्टा, अजुंग्या बिरुवा, स्टेन स्वामी, जे विकास कोडा, बिनोद केरकेट्टा, आलोक कुजूर, विनोद कुमार और थियोडोर किडो के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी।

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