चतरा । इटखोरी थाना क्षेत्र में संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के बाथरूम से छात्रा का संदिग्ध अवस्था में शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई है। थाना क्षेत्र के करनी गांव निवासी छात्रा मीना कुमारी नवमी कक्षा में पढ़ती थी। हालांकि छात्रा के शव को विद्यालय प्रबंधन ने परिजनों को बीमार होने का हवाला देकर अस्पताल ले जाने की बात कहकर सौंप दिया था। छात्रा की मौत का खुलासा तब हुआ जब परिजन आनन-फानन में मीना को लेकर इटखोरी स्वास्थ्य उप केंद्र पहुंचे।

जहां चिकित्सकों ने कई घंटों पूर्व छात्रा की मौत होने की पुष्टि कर दी। जिसके बाद इटखोरी थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल चतरा भेज दिया है। मामले में लेकर जहां विद्यालय की वार्डन ने बाथरूम में गिरने से घायल छात्रा की मौत की बात कही है, वही परिजनों ने विद्यालय संचालक पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया। आरोप यह भी है कि जिस दौरान घटना घटी उस दौरान विद्यालय की वार्डन माधुरी कुमारी बगैर छुट्टी परिसर से गायब थी।

उन्होंने अपना प्रभार मौखिक रूप से विद्यालय की दूसरी शिक्षिका बबली यादव को सौंप रखा था। हालांकि बगैर छुट्टी गायब रहने व लापरवाही को लेकर वार्डन और प्रभारी वार्डन दोनों के अलग-अलग तर्क हैं। वहीं छात्राओं ने भी बाथरूम में मीना के गिरे मिलने की बात कही है। जबकि परिजनों का आरोप है कि विद्यालय की छात्राएं वार्डन और संचालकों के दबाव में बोल रही हैं। परिजनों के अनुसार जिस समय वह विद्यालय पहुंचे थे उस दौरान बाथरूम पूरी तरह से सूखा हुआ था। लेकिन अस्पताल से लौटने के बाद बाथरूम वाले इलाके में पानी भरा हुआ है। इतना ही नहीं परिजन स्कूल संचालकों पर साक्ष्य मिटाने के लिए आनन-फानन में बाथरूम परिसर की साफ सफाई व पानी भरने का भी आरोप लगाया है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि वार्डन ने प्रार्थना घंटी बजने के बाद मीना के विद्यालय से बाहर नहीं आने पर खोजबीन के दौरान घायल अवस्था में मिलने की बात कही है।

वहीं प्रत्यक्षदर्शी छात्राओं ने तड़के सुबह ही बाथरूम जाने के दौरान छात्रा को शौचालय परिसर में बेहोशी हालत में मिलने की बात कह रही है। जो विद्यालय प्रबंधन और वार्डन को सवालों के घेरे में खड़ा करता है। इतना ही नहीं स्कूल के प्रभारी वार्डन के अनुसार मीना को बेहोशी की हालत में मिलने के करीब 1 घंटे बाद परिजनों को अस्पताल ले जाने की बात कहकर उसे सौंपा गया था। ऐसे में यह बड़ा सवाल खड़ा होता है कि आखिर इतनी गंभीर परिस्थिति के बावजूद प्रभारी वार्डन और विद्यालय प्रबंधन से जुड़े लोग मीना को अस्पताल ले जाने में देर क्यों कर रहे थे। बाहर हाल शव को कब्जे में लेने के बाद इटखोरी पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की बात कही।

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