पूर्णिया. बॉलीवुड के चर्चित अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मायानगरी मुंबई में हुई संदेहास्पद मौत को अब एक साल गुजरने वाला है. 14 जून 2020 को मुंबई स्थित उनके आवास पर फांसी के फंदे से लटकी उनकी लाश बरामद हुई थी. इसके बाद सीबीआई समेत कई बड़ी एजेंसी ने इस मामले की जांच की, लेकिन आज तक उनकी मौत की गुत्थी नहीं सुलझ पाई है.
परिजनों और ग्रामीणों को आज भी न्याय की आस
सुशांत सिंह राजपूत के पैतृक गांव पूर्णिया के मल्लडीहा में उनके परिजन और मित्र आज भी न्याय के इंतजार में आस लगाए बैठे हैं. सुशांत सिंह राजपूत के चचेरे भाई पन्ना सिंह कहते हैं कि एक साजिश के तहत सुशांत की मौत की मिस्ट्री छुपाई गई है. उन लोगों को आजतक यह भी पता नहीं चला कि उनकी मौत क्यों हुई, इसके पीछे क्या कारण है.
वहीं सुशांत के चचेरे भाई मनोज सिंह अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगा रहे हैं कि वह खुद पहल कर हमें इंसाफ दिलाएं. आज भी सुशांत को यादकर उनके परिजन रो पड़ते हैं. वे लोग कहते हैं कि जब 12 मई 2019 को सुशांत सिंह राजपूत अपने गांव मल्लडीहा आया था तो पूरा गांव उसका दिवाना था. परिजनों और ग्रामीणों को आज भी न्याय की आस है.
राजनीतिक साजिश का संदेह जताते हैं सुशांत के मित्र
सुशांत के मित्र ओंकार सिंह, रोशन सिंह कहते हैं कि सुशांत कभी भी आत्महत्या करने वाला आदमी नहीं था. वह तो लोगों का प्रेरणा स्रोत था. उसकी फिल्म ‘छिछोरे’ और ‘एमएस धोनी’ तो संघर्ष करने की प्रेरणा देती है. फिर ऐसा बोल्ड आदमी क्यों और कैसे आत्महत्या करेगा. उनकी मौत के रहस्य को छुपाया गया है. इसके पीछे बहुत बड़ी राजनीतिक साजिश है.