रांची: झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने शुक्रवार 12 अप्रैल को मीडिया को संबोधित किया. उन्होंने सरहुल के बहाने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. साथ ही कहा कि सरहुल हमारी परंपरा और संस्कृति का परिचायक है. ये हम सभी के अंदर रचा बसा है. उन्होंने कहा कि सरहुल में आदिवासियों का जो जुलूस निकाला गया उसमें केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध देखने को मिला. बीजेपी के उलगुलान रैली को लेकर बयान पर उन्होंने कहा कि रैली में सनातन विरोधी लोगों के जमावड़े की बात कही गई थी. इस पर उन्होंने बीजेपी को सुधर जाने की नसीहत दे डाली. साथ ही कहा कि आगामी 21 अप्रैल को होने वाली उलगुलान रैली पर्यावरण संरक्षण, जंगल, जमीन और अपने आदिवासी धर्म को बचाने की गारंटी है.
केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध
सरहुल के मौके पर लाखों आदिवासी राजधानी की सड़कों पर उतरे थे. उन्होंने प्रकृति के साथ पूंजीपतियों द्वारा किए जा रहे छेड़छाड़ और प्रकृति को नष्ट करने की जो नीतियां केंद्र सरकार ने बनाई है, उसपर अपना आक्रोश व्यक्त की. उन्होंने कहा कि यह कोई साधारण बात नहीं थी. पेड़ों को काटे जाने के विरोध में कल लड़ाई देखने को मिली. आदिवासियों को उजाड़ने एवं प्रकृति को समाप्त करने के लिए जो फॉरेस्ट राइट में जो बदलाव किए गए उसके खिलाफ रोष था. उन्होंने कहा कि आदिवासी हैं तो प्रकृति, जल, जंगल व जमीन है.
लंबे समय से सरना धर्म कोड की मांग
लोगों का मानना है कि हिन्दू है, मुस्लिम है, सिख है, इसाई है, जैन है तो फिर आदिवासी कहां चला गया. उन्होंने कहा कि सरना धर्म कोड की मांग आदिवासियों द्वारा लंबे समय से की जा रही है. इस बाबत बिल हमलोगों ने सदन से पास करा कर राजभवन भेजा, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे हमेशा लटकाने काम किया. उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड पर बीजेपी और एसबीआई को घेरते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मनाही के बावजूद एसबीआई ने 356 करोड़ का चंदा बीजेपी को दिया.
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