Joharlive Desk

मुंबई : महाराष्ट्र के सियासी ड्रामा पर उच्चतम न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाते हुए बुधवार शाम को पांच बजे सदन में बहुमत परीक्षण कराने का आदेश दिया है। नवनियुक्त सरकार के पार सदन में अपना बहुमत साबित करने के लिए लगभग 30 घंटे का समय है। अदालत ने प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने का भी आदेश दिया है। प्रोटेम स्पीकर सभी विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।
इसके तुरंत बाद प्रोटेम स्पीकर बहुमत परीक्षण कराएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा है कि पूरी प्रकिया का लाइव प्रसारण होगा साथ ही गुप्त मतदान नहीं होगा। अदालत ने कहा कि संवैधानिक मुद्दों को छूने, लोकतांत्रिक मूल्यों को ध्यान में रखने और संविधान को कायम रखने की जरूरत है। अदालत ने यह फैसला हरीश रावत, एसआर बोम्मई केस के आधार पर दिया है।

इससे पहले शनिवार को एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना ने संयुक्त रूप से शीर्ष अदालत में राज्यपाल द्वारा नवनियुक्त सरकार को रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज की थी। वहीं विपक्ष जल्द से जल्द बहुमत परीक्षण कराने की मांग कर रहा था। जिसे लेकर अदालत ने अपना फैसला दे दिया। अदालत में रविवार और सोमवार को सत्ता और विपक्षी दलों के वकीलों ने तीखी बहस की थी। जिसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
अदालत में इस दौरान शिवसेना की तरफ से अनिल देसाई, गजाजन कार्तिकर, कांग्रेस के मुकुल वासनिक, केसी वेणुगोपाल और पृथ्वीराज चौहान मौजूद हैं। वहीं कांग्रेस से कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी समेत कई वकील अदालत के अंदर है। कोर्टरुम-2 में भीड़ ज्यादा होने की वजह से दरवाजे खोल दिए गए हैं। यहीं महााष्ट्र की सियासत को लेकर फैसला सुनाया जाएगा।

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