Joharlive Team
नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय अयोध्या के राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद जमीन विवाद में शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाएगा।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नज़ीर की संविधान पीठ कल सुबह साढ़े दस बजे अपना निर्णय सुनाएगी।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर आज शाम एक नोटिस जारी करके इस बारे में जानकारी दी गई है। आमतौर पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में अवकाश होता है, और ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि मामले में 13 से 15 नवंबर के बीच फैसला आएगा, लेकिन अभूतपूर्व निर्णय लेते हुए फैसले के लिए कल की तारीख मुकर्रर की गई है।
संविधान पीठ ने 40 दिन हुई सुनवाई के बाद गत 17 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इतिहास की दूसरी सबसे लंबी सुनवाई :
सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में दूसरी सबसे लंबी सुनवाई हुई। संवैधानिक पीठ ने लगातार 40 दिनों तक सुनवाई की और 16 अक्तूबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा। इस दौरान हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों ने अपने—अपने पक्ष में दमदार दलीलें दीं।
सुरक्षा व्यवस्था सख्त
फैसला आते ही प्रदेश में मोबाइल इंटरनेट सेवा भी बंद हो सकती है। इसके अलावा धारा 144 लगाए जाने के साथ सभी जिलों में अस्थायी जेल बनाई जा रही हैं। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर कड़ी नजर बनाए रखने को कहा है। इसके साथ ही अर्धसैनिक बल के 4,000 जवानों को ऐहतियातन उत्तर प्रदेश भेजा गया है। दूसरी ओर, आरपीएफ ने भी अपने सभी कर्मियों की छुट्टी रद कर 78 महत्वपूर्ण स्टेशनों की सुरक्षा-व्यवस्था का अलर्ट जारी किया है।
ये जज सुनाएंगे फैसला :
अयोध्या विवाद में मामले की सुनवाई करने वाली संवैधानिक बेंच में सीजेआई रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस एस. अब्दुल नजीर शामिल हैं। इन्हीं जजों की पीठ शनिवार को फैसला सुनाएगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनाया था यह फैसला :
30 दिसंबर, 2010 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया था। अदालत ने 2.77 एकड़ की विवादित जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान के बीच बराबर बांटने का आदेश दिया था। फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 याचिकाएं दायर की गई थीं।