रांची : देवघर हवाई अड्डे पर सुरक्षा उल्लंघन के मामले में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी के खिलाफ एफआईआर रद्द करने के झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए झारखंड सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर बुधवार को नोटिस जारी किया गया है. सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने दोनों सांसदों को नोटिस भेजते हुए राज्य सरकार को कुछ विशेष बिंदुओं पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.
क्या है पूरा मामला
सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने सितंबर 2022 में देवघर हवाई अड्डे पर सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया था. इसके साथ ही, उन पर एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) को एक निजी विमान को उड़ान भरने की अनुमति देने के लिए धमकी देने और दबाव डालने का आरोप भी है. झारखंड हाईकोर्ट ने इन दोनों सांसदों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया था, जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
झारखंड सरकार की याचिका में क्या है
सुप्रीम कोर्ट में झारखंड सरकार ने अपनी याचिका में कहा कि आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) के तहत अपराध विमान अधिनियम, 1934 से अलग हैं, और इसलिए विमान अधिनियम के प्रावधान इस मामले में लागू नहीं होते. राज्य सरकार ने तर्क दिया कि हाईकोर्ट ने विशेष कानून (विमान अधिनियम) और सामान्य कानून (आईपीसी) के सिद्धांत को गलत तरीके से व्याख्यायित किया है. राज्य ने यह भी कहा कि जब हवाई अड्डे की सुरक्षा और जीवन को खतरे में डाला गया हो, तो विमान अधिनियम आईपीसी से ऊपर नहीं हो सकता.
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