नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है. जिसमें कोर्ट ने बिहार के शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक नौकरियों में पिछड़े वर्गों (ओबीसी), अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों (एससी/एसटी) के लिए आरक्षण की सीमा 50 से बढ़ाकर 65 फीसदी करने के राज्य के एक कानून को रद्द करने वाले पटना उच्च न्यायालय के 20 जून के फैसले पर सोमवार को रोक लगाने से इनकार कर दिया. लेकिन कोर्ट ने कहा कि वह राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका पर विचार करेगा. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया.
याचिकाकर्ता राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान की इस दलील पर कि नए कानून के अनुसार बहुत सारे साक्षात्कार चल रहे हैं. इस पर पीठ ने कहा, हम इस स्तर पर रोक लगाने के लिए इच्छुक नहीं हैं. हम मामले को सितंबर में अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे. शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने के आवेदन पर नोटिस जारी करने से भी इनकार कर दिया.