Joharlive Desk
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में रहने वाले छात्रों की मदद के लिए एक कोष स्थापित करने संबंधी याचिका की सुनवाई से मंगलवार को इन्कार कर दिया।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की खंडपीठ ने अनमोल सिंह की याचिका यह कहते हुए ठुकरा दी कि याचिकाकर्ता को यदि कोई परेशानी है तो सरकार को ज्ञापन दिया जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति कौल ने कहा, “इन दिनों कठिन समय चल रहा है। आम तरह की याचिकाएं दायर नहीं की जानी चाहिए। अगर आपको कोई परेशानी है तो आप सरकार को ज्ञापन दो। आप उन हजारों छात्रों का नेतृत्व करना चाह रहे हैं, जिन्हें यह नहीं पता कि मामला क्या है। इस तरह की याचिका कैसे अपना अस्तित्व कायम रख पाएगी। आप छात्रों की मदद के लिए रख अलग कोष के गठन की मांग कैसे कर सकते हैं?”
न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि केंद्र सरकार ने मुसीबत में फंसे लोगों के लिए हेल्पलाइन जारी की है। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसे हेल्पलाइन पर कोई जवाब नहीं मिला। फिर न्यायमूर्ति भूषण ने कहा, “आप अपनी याचिका वापस लें और सरकार एवं संबंधित अथॉरिटी के समक्ष अपनी मांग रखें। हम आपको नहीं सुनेंगे।”