रांची: झारखंड सरकार को एक फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करना भारी पड़ गया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपील दाखिल करने पर नाराजगी जाहिर करते हुए राज्य सरकार पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही, शीर्ष अदालत ने अपील दाखिल करने वाले अधिकारी की पहचान कर उससे जुर्माने की राशि वसूल करने का आदेश दिया है. यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने दिया. मामला इस प्रकार है कि झारखंड हाईकोर्ट ने रिटायरमेंट बेनिफिट की मांग को लेकर एक फैसला सुनाया था. हाईकोर्ट ने रविंद्र गोप की याचिका पर उन्हें रिटायरमेंट बेनिफिट देने का आदेश दिया था. इसके बाद, राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश के खिलाफ डबल बेंच में अपील की, लेकिन जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की डबल बेंच ने उस फैसले को बरकरार रखा. इसके बाद राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह ‘उल्टे बांस बरेली’ हो गया. कोर्ट ने जुर्माने की राशि में से 50 हजार रुपये सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन के खाते में और शेष 50 हजार रुपये सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन वेलफेयर फंड में जमा करने का आदेश दिया है.