JoharLive Team

  • ­राष्ट्रपति के सामने मर्सी पिटीशन का आखिरी रास्ता अब भी बाकी
  • चार दोषियों में से सिर्फ दो ने दायर की थी याचिका

रांचीः 16 जनवरी 2012 को दिल्ली में निर्भया के साथ हुई गरिन्दगी के मामले में चार लोगों को दिल्ली हाई कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। चार में से दो लोग विनय शर्मा और मुकेश कुमार ने सर्वोच्च अदालत में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की थी। मंगलवार को अदालत ने उनकी पिटीशन को खारिज कर दिया। अब दोषियों के पास राष्ट्रपति के सामने मर्सी पिटीशन दायर करने का आखिरी रास्ता बचा है। अन्य दो अपराधी अक्षय कुमार और पवन गुप्ता हैं। सभी दोषियों के लिए डेथ वारंट जारी हो चुके हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के मुताबिक 22 जनवरी को चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में फांसी दी जानी है। अक्षय के पिटीशन को कोर्ट पहले ही खारिज कर चुकी है। बता दें कि इस केस में कुल छह लोगों को दोषी करार दिया गया था। उपरोक्त चार के अलावा पांचवें अपराधी राम ने तिहाड़ जेल में खुद फांसी लगा ली थी। छठा अपराधी घटना के दौरान नाबालिग था, उसे सुधारगृह भेज दिया गया था।
मुकेश ने राष्ट्रपति के सामने दायर की मर्सी पिटीशन –
निर्भया मामले में दोषी 32 वर्षीय मुकेश ने कोर्ट द्वारा क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के कुछ घंटे बाद ही राष्ट्रपति के सामने मर्सी पिटीशन दायर किया है। क्यूरेटिव पिटीशन ही किसी भी अपराधी के पास अंतिम न्यायिक अधिकार होता है. चार में से तीन अपराधियों ने अभी तक मर्सी पिटीशन दायर नहीं किया है। दो ने क्यूरेटिव पिटीशन भी दायर नहीं किया था।

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