रांची : दुमका लोकसभा सीट से चुनाव हारने के बाद भाजपा की प्रत्याशी सीता सोरेन ने अपनी ही पार्टी के प्रदेश नेतृत्व और संथाल के स्थानीय नेताओं पर गंभीर आरोप लगाया है. सीता सोरेन ने खुलकर पूर्व सांसद सुनील सोरेन, पूर्व मंत्री लुईस मरांडी और विधायक रणधीर सिंह पर भीतरघात करने का आरोप लगाया है. अब सुनील सोरेन और लुईस मरांडी ने सीता सोरेन के आरोपों का जवाब दिया है. दोनों नेताओं ने जोहार लाइव से बातचीत में सीता के आरोपों को बेबुनियाद बताया है और कहा है कि उनका आरोप दुर्भाग्यपूर्ण है. पूरी शिद्दत से संगठन की सेवा करने का यह फल मिला है. दोनों ने कहा है कि अपनी बातें पार्टी फोरम पर रखेंगे और सीता सोरेन के आरोपों की जांच कराने की मांग करेंगे.

मनी लाउंड्रिंग के आरोपी दे रहे ईमान की दुहाई- सुनील सोरेन

दुमका से सांसद सुनील सोरेन सीता के आरोपों से काफी आहत हैं. भाजपा ने दुमका लोकसभा सीट से उन्हें प्रत्याशी बनाया था, लेकिन चुनाव से पहले सीता सोरेन झामुमो छोड़ भाजपा में आ गईं. इसके बाद पार्टी ने सुनील का टिकट काट कर सीता को दे दिया. एक तो टिकट कटा उपर से आरोप भी लग गया. सुनील सोरेन ने कहा कि इस तहर के आरोप दुर्भाग्यपूर्ण हैं. मैंने सीता सोरेन को पूरा सहयोग किया था. उन्हें जिताने का पूरा प्रयास किया गया, लेकिन चुनाव हारने के बाद उन्हें मेरे साथ-साथ कई नेताओं और प्रदेश नेतृत्व पर भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति खुद मनी लाउंड्रिंग का आरोप है वह इस तरह की बातें कर रहा है. सीता सोरेन ने ऐसा आरोप लगाकर हमारी छवि खराब करने की कोशिश की है. हम पार्टी नेतृत्व से सीता के लगाये आरोपों की जांच कराने की मांग करेंगे.

सीता के आरोपों की जांच कराये पार्टी, हो जाएगा दूध का दूध और पानी का पानी- लुईस

दुमका की पूर्व विधायक और झारखंड सरकार में मंत्री रहीं लुईस मरांडी ने सीता सोरेन के आरोपों को बेबुनियाद बताया है. कहा कि इस बार दुमका विधानसभा से वर्ष 2019 से ज्यादा मतों से लीड है। मैं पार्टी की निष्ठावान कार्यकर्ता हूं और मुझपर इस तरह का आरोप लगाया जाना काफी पीड़ादायक है। सीता सोरेन के बयान से ऐसा लग रहा है कि वो हार की सही ढंग से समीक्षा करने के बजाए पब्लिक फोरम में समर्पित पार्टी नेताओं पर अनर्गल आरोप लगाकर अपनी कमियों को छिपाने की कोशिश कर रही हैं. लुईस ने कहा कि हम भाजपा के संस्कारी कार्यकर्ता हैं. अपनी बात को पार्टी फोरम पर रखकर आरोपों की जांच कराने की मांग करेंगे, ताकी दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए.

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