Joharlive Team

रांची। सैमफॉर्ड अस्पताल में सुल्ताना का ब्रेन हेमरेज के ऑपरेशन के बाद अस्पताल प्रबंधन पर मरीज का किडनी निकालने का मामला झूठा साबित हुआ है। बीते देर रात रिम्स में पोस्टमार्टम के बाद इस बात की पुष्टि हुई है। हालांकि, इस मामले की आधिकारिक पुष्टि होने में अभी कुछ समय है। पोस्टमार्टम सूत्रों की मानें, तो ब्रेन हेमरेज के आपरेशन के समय मरीज को बचाने के लिए पेट में सिर से निकला हड्डी को डाल कर बचाया जाता है। मगर, परिजनों ने झूठ का हंगामा कर मामला को दूसरा रुख दिया। ताकि, पैसा न चुकाना पड़े।
मालूम हो कि हजारीबाग के सुल्ताना को सड़क दुर्घटना के बाद 18 सितंबर को सैम्फोर्ड में भर्ती कराया गया था। जहां इमरजेंस की हालत में ऑपरेशन किया गया था।बीते दिन परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर किडनी निकलने और मनमाने तरीके से बिल भी बनाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि 36 घंट के ईलाज के लिए 4 लाख 60 हजार का बिल बना दिया है। इसके बावजूद मरीज की जान चली गयी। परिजनों ने इसको लेकर जोरदार हंगामा किया था। हंगामा के बाद शव को परिजनों ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था।

आर्किड रेफर करने की बात कही तो बता दिया मृत

मरीज के परिजनों ने बताया कि 19 की शाम को हमें देखने पर कोई हरकत नजर नहीं आ रही थी। डॉक्टर ने पेट पर मारकर भी दिखाया कोई हरकत नहीं थी। जिसके बाद उसे वेंटिलेटर पर रख दिया गया था। हालत में सुधार नहीं होता देख हमने आर्किड अस्पताल जाकर पूरी हालत बतायी। बेड मिल जाने के आश्वासन के बाद हमने मरीज को आर्किड रेफर कर देने के बात कही। जिसके आधे घंटे के बाद हमें बताया गया कि आपके मरीज की मौत हो गयी है।

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