Joharlive Desk
नई दिल्ली। एस एंड पी रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में है, और इसकी वृद्धि दर मौजूदा वित्त वर्ष में पांच प्रतिशत तक सिकुड़ सकती है।
एस एंड पी ने एक अपडेट में कहा, “भारत की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में है। वायरस को नियंत्रित करने में मुश्किलें, कमजोर नीतिगत प्रतिक्रिया, और आंतरिक कमजोरी, खासतौर से पूरे वित्तीय सेक्टर में, हमें मौजूदा वित्त वर्ष में वृद्धि दर में पांच प्रतिशत गिरावट की तरफ ले जा रही है, जबकि 2021 में इसमें रिकवरी आएगी।”
एस एंड पी ने ‘एशिया-पैसिफिक लॉसेस नियर 3 ट्रिलियन डॉलर ऐज बैलेंस शीट रिसेसन लूम्स (आसन्न बैलेंस-शीट मंदी के कारण एशिया-प्रशांत को लगभग 30 खरब डॉलर का नुकसान)’ नामक अपनी रपट में इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में 2020 में 1.3 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है, लेकिन 2021 में यह 6.9 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर सकती है और इन दो वर्षो के दौरान 30 खरब डॉलर का नुकसान होगा।
एस एंड पी में एशिया-प्रशांत के लिए मुख्य अर्थशास्त्री, शौन रोचे नेकहा, “एशिया-प्रशांत ने कोविड-19 को नियंत्रित करने में कुछ सफलता पाई है और कुल मिलाकर प्रभावी मैक्रोइकॉनॉमिक नीतियों के जरिए प्रतिक्रिया दी है।”
उन्होंने कहा, “यह थोड़ी मददगार हो सकती है और सुधार के लिए एक पुल मुहैया करा सकती है। हालांकि लगता है रिकवरी कर्ज से डूबे बैलेंसशीट के कारण धीमी होगी।”
रोचे ने कहा है, “कोविड-19 के कारण गिरावट किसी बैलेंस-शीट मंदी के रूप में शुरू नहीं हुई थी, लेकिन बैलेंस-शीट मंदी का रूप ले सकती है। इसका अर्थ होता है कम निवेश, धीमी रिकवरी, और अर्थव्यवस्था पर एक स्थाई झटका जो वैक्सीन आने के बाद भी बना रहेगा।”