रांचीः बिरसा कृषि विवि में बुधवार को भगवान बिरसा मुंडा की 148वीं जयंती मनाई गई. सुबह 10.30 बजे मुख्यालय में छात्राओं ने शोभायात्रा निकाली गयी. समारोह की अध्यक्षता कुलसचिव डॉ नरेंद्र कुदादा ने की. विवि परिसर में स्थाोपित बिरसा भगवान की प्रतिमा पर उपस्थित पदाधिकारि‍यों ने पुष्पांजलि अर्पित की. कुलसचिव ने कहा कि बिरसा भगवान देश के स्वतंत्रता सेनानी थे. सामाजिक कुकृति, जन-जमीन के लिए ब्रिटिशो के नाक में दम कर दिया था. ब्रिटिश सरकार ने बिरसा मुंडा की गिरफ्तारी के लिए उस समय इनपर 500 रुपये का इनाम रखा था. लालच में आकर उन्हें अपने ही कुछ लोगों ने गिरफ्तार करा दिया था. हमें उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारने की जरूरत है. इस अवसर पर छात्र-छात्रों ने भी बिरसा भगवान के बारे में अपने-अपने राय रखें.

3 मार्च, 1900 को बिरसा मुंडा को ब्रिटिश सैनिकों द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था

निदेशक प्रशास डॉ सुशील प्रसाद ने कहा कि धरती आबा भगवान बिरसा का जन्म खूंटी जिले के अड़की प्रखंड अंतर्गत उलीहातु गांव में 15 नवंबर, 1875 को हुआ था. बिरसा कृषि विवि ने इस गांव को आदर्श ग्राम घोषित किया. तत्कालीन ब्रिटिश शासकों के खिलाफ मुंडा विद्रोह की शुरुआत की. उन्हेंघ 3 मार्च, 1900 को उनकी आदिवासी गुरिल्ला सेना के साथ, जमकोपाई जंगल, चक्रधरपुर में ब्रिटिश सैनिकों द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था. 9 जून, 1900 को 25 वर्ष की आयु में रांची जेल में उनकी मृत्यु हो गई. इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता सहदेव मुंडा ने भी अपनी राय रखी.

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