धनबाद: राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर, अशोक नगर, धनबाद में वार्षिकोत्सव का समापन हुआ. इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति बीबीएमकेयू धनबाद के डॉ पवन कुमार पोद्दार, मुख्य वक्ता अखिल भारतीय मंत्री ब्रह्मा जी राव, विद्यालय के संरक्षक शंकर दयाल बुधिया, अध्यक्ष विनोद कुमार तुलस्यान, उपाध्यक्ष रविंद्र कुमार पटनियॉ, सचिव संजीव अग्रवाल, सहसचिव दीपक रुईया, कोषाध्यक्ष चंद्रशेखर अग्रवाल, प्राचार्य सुमन्त कुमार मिश्रा ने दीप प्रज्वलन कर सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की. इस मौके पर विद्यालय के प्राचार्य सुमन्त कुमार मिश्रा ने अतिथियों का परिचय कराने के क्रम में कार्यक्रम की भूमिका भी दी. उन्होंने कहा कि आज के बदलते दौर में बच्चे-बच्चियों को संभालना एक चुनौती है. आज पल भर में गूगल में दुनिया दिख जाती है, किंतु हमें क्या देखना है यह बात तो भैया-बहनों को बतानी पड़ेगी. सोशल मीडिया को लेकर आज के युवा जितने व्यग्र है उतनी व्यग्रता नहीं होनी चाहिए. हमारा विद्यालय राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर इन सभी कु प्रचलनों से दूर है. अपने विद्यालय में बच्चों को मोबाइल लाना सख्त मना है. यहां हम उन्हें विभिन्न प्रकार के संस्कारों से संस्कारित करते हैं एवं उन्हें आदर्श नागरिक बनाने का काम करते हैं.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ पवन कुमार पोद्दार, कुलपति बीबीएमकेयू ने वार्षिकोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि इस विद्यालय के वातावरण और दृश्य को देखकर मैं अति प्रसन्न हूं. राजकमल एक श्रेष्ठ संस्था है, जहां के बच्चे अनुशासित एवं अच्छा परीक्षा परिणाम देने वाले हैं. शिक्षा रोजगारोन्मुखी हो ऐसा होने से युवा वर्ग के भटकने की संभावना कम हो जाती है. इस विद्यालय के अनुशासन एवं कार्यक्रम को देखकर मैं बेहद प्रभावित हूं. उन्होंने यह भी कहा कि राजकमल का भविष्य उज्जवल है. मैं जितना सोचता था उससे राजकमल बहुत अधिक है ,ऐसे संस्थानों से ही आदर्श नागरिक बनते हैं.
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता ब्रह्मा जी राव, क्षेत्रीय मंत्री विद्या भारती शिक्षण संस्थान ने अपने संबोधन में कहा कि यदि देश की शिक्षा नीति राष्ट्रीयता से जुड़ी हो, तो राष्ट्र बेहतर बनेगा और बच्चे राष्ट्रभक्त बनेंगे. अभी तक देश के बच्चों को जो जानकारियां दी गई, वे आधी अधूरी है. इसलिए विद्या भारती ने यह संकल्प लिया कि हमारे देश की सभ्यता ,संस्कृति और शिक्षा अपनी होगी. मेरा मानना है कि बच्चों में देश हित की भावना सर्वोपरि होनी चाहिए. विद्या भारती का काम औपचारिक सेवा कार्य एवं शोध केंद्र पर आधारित है. बच्चों को हम यह पढ़ते हैं शिक्षा केवल जीविका कमाने का साधन न बने. शिक्षक व्यक्ति समाज राष्ट्र व विश्व के हित के लिए हो.
कार्यक्रम में स्वागत भाषण की प्रस्तुति विद्यालय के उपाध्यक्ष रविंद्र कुमार पटनिया ने दी. उन्होंने मंचासीन एवं मंच के समक्ष बैठे अधिकारियों का परिचय एवं स्वागत किया. विद्यालय के अध्यक्ष विनोद कुमार तुलस्यान जी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से जिस ऊर्जा में जंग लग जाती है वह फिर से काम करने को तत्पर हो जाता है. मैं बच्चों से आग्रह करता हूं कि वह बड़ों की राय माने. अवसर को तलाशे, उनके सामने सारा आसमान खुला पड़ा है. विद्यालय के सचिव कुमार अग्रवाल ने विद्यालय वृत्त रखा. इसमें उन्होंने पूरे वर्ष भर में विद्यालय की क्या उपलब्धियां रही, किन-किन कार्यक्रमों में हमारा विद्यालय ओवरऑल चैंपियन रहा, खेलकूद में हमारे विद्यालय का नाम कैसे राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा, इन सभी बातों को उन्होंने अपने वक्तव्य में स्थान दिया. साथ ही साथ बच्चों को भी सोच समझ कर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी. धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय के कोषाध्यक्ष चंद्रशेखर अग्रवाल ने दिया. इसी क्रम में उन्होंने कहा कि हमारा विद्यालय आभारी है जहां बड़ी विभूतियां आकर इस विद्यालय को मार्गदर्शन देते हैं. इन्हीं के साथ समिति के माननीय सदस्य मुरलीधर पोद्दार, अयोध्या प्रसाद, संजय मोर, अनंतनाथ सिंह,श्याम पसारी, केशव हड़ोदिया, समाजसेवी वीरेंद्र ठाकुर, ओमनंदन प्रसाद उपस्थित थे. विद्यालय के प्राचार्य सुमन्त कुमार मिश्रा, उप प्राचार्या उमा मिश्रा, उप प्राचार्य मनोज कुमार, प्रभारी प्रतिमा चौबे, कमल नयन, पार्थ सारथी सरकार, स्निग्धा सिंह एवं अन्य शिक्षक कार्यक्रम की व्यवस्था को देख रहे थे.
रंगमंचीय कार्यक्रम की शुरुआत ‘शिव शम्भो स्वयंभो’ मंगलाचरण से किया गया. जिसमें आयुष, सिद्धांत, ध्रुव, रणवीर, अनमोल, रौनित, प्रिंस, आर्यन, राज, साहिल, यश, अमरजीत, आयुष सिंह, आदर्श, विशाल, प्राकृत थे.
वाटिका के छोटे-छोटे बच्चों ने ‘गौरी एलो’ गीत पर नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया. इसमें रचना, उन्नति,अनन्या, रूही, अरनव, अक्षत, आयुष, अदिति, श्रेया, पृषा, आराध्या, रूद्र, शिवम, स्वाति, सान्वी, खुशी, गोपेश शामिल थे.
‘कल का हिंदुस्तान’ समूह गीत में मिनी, पूर्वी, सुवर्णा, अनन्य, तमन्ना,परिधि, सिमरन, अनुष्का, रिया, सुप्रिया, मानसी, संस्कृति, अंकिता, आंचल, अंशु ने भविष्य का भारत कैसा हो, यह बतलाने का प्रयास किया.
‘विभिन्नता में एकता’ को प्रदर्शित करते हुए सुहाना, प्रिया, प्रियौनी, शिवानी, अदिति, सरण्या, साक्षी राजस्थानी समूह नृत्य प्रस्तुत किया.
समूह गीत के माध्यम से महाभारत की एक झलक प्रस्तुत की इसमें सिद्धांत, प्रिंस, रौनित, साहिल,राज, अनमोल, आदर्श, रुद्र, विनीत, आयुष, सार्थक आदि शामिल थे.
हिंदी नाटक प्रस्तुत किया गया, जिसमे यह बताया गया है कि ‘महामंत्री का चुनाव’ कैसा होना चाहिए. इसमें राघव, नीलकमल, अंकित, सचिन, हर्ष, अमित, दिव्यांशु, हर्षित, रूद्र, आयुष ने अभिनय किया.
विभिन्न वाद्य यंत्रों, गायन, वादन द्वारा दर्शकों को मंत्र मुक्त कर दिया. इसमें आदर्श दास, दीपेश अग्रवाल, दिव्यांशु अरोड़ा, श्लोक गोस्वामी, विक्रम मंडल, विनीत वर्मा, कृषभ, कुमार, अनुभव, साईं रंजन, आलोक, गजेंद्र, आर्या, श्रेयम, प्रणाम,देवराज आदि शामिल थे.
विश्व गुरु रविंद्र नाथ टैगोर की रचना ‘गीतांजलि’ पर आधारित एक समूह नृत्य बहन सानवी, सताक्षी, परी, अंकिता, सोनाक्षी, जानवी, नव्या, परिधि, सुहाना, मानसी, अदिति, तृप्ति, भाषा, निहारिका, प्रियसी, आरोही, श्रेया अनन्य, निधि ने प्रस्तुत किया.
वार्षिक उत्सव का बच्चों ने खूब आनंद उठाया. विद्यालय के संगीत शिक्षक पंकज दुबे, छोटन चौधरी, प्रभाकर तिवारी एवं शिक्षिका एस कादंबरी, सुष्मिता कौर ने काफी अथक प्रयास कर बच्चों को कार्यक्रम के लिए तैयार किया. हर्षोल्लास के साथ राजकमल का वार्षिक उत्सव संपन्न हुआ. राजकमल विद्यालय के प्रबंध समिति ने ने कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं मुख्य अतिथि को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया.