रांची: झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से प्रकाशित मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम को लेकर लगातार हंगामा हो रहा है. एक बार फिर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर तले सैकड़ों छात्रों ने जैक कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया.

जैक प्रबंधन पर आरोप गेट पर तालाबंदी

इन परीक्षार्थियों का जैक प्रबंधन पर आरोप है कि वह जानबूझकर विद्यार्थियों को फेल करने का काम किया है. छात्रों ने सवाल उठाते हुए कहा है कि जब परीक्षा आयोजित हुई ही नहीं, तो फिर परीक्षार्थी फेल कैसे हो गए. ऐसे कई परीक्षार्थी हैं, जिनका 9वीं और 11वीं में परीक्षा परिणाम सही नहीं था. उसके बावजूद वह हाईएस्ट स्कोर के साथ सफल हुए हैं, जबकि 9वीं और 11वीं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से फेल कर दिया गया है.

रद्द हुई थी परीक्षा

कोरोना के मद्देनजर देश के कई परीक्षा बोर्ड के साथ-साथ सीबीएसई-आईसीएसई और झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया था और एक आधार बनाकर इन परीक्षार्थियों के परीक्षाफल का प्रकाशन किया गया था. लेकिन जब से परिणाम घोषित किए गए हैं, तब से आंदोलन किया जा रहा है. शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव, सड़क जाम के अलावे जैक कार्यालय के बाहर लगातार प्रदर्शन का दौर जारी है.

आंदोलन के दौरान बेहोश कार्यकर्ता

आंदोलन के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 2 कार्यकर्ता कड़ी धूप की वजह से बेहोश हो गए. आनन-फानन में उन्हें मेडिकल सपोर्ट देकर राजधानी रांची के रिम्स अस्पताल ले जाया गया है. मामला लगातार गंभीर हो रहा है. इस मामले पर जल्द से जल्द शिक्षा विभाग और झारखंड एकेडमिक काउंसिल को ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि कई विद्यार्थी इस आंदोलन में ऐसे भी शामिल थे जो सत्र 2018 से ही झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से जारी परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट हैं. लगातार रिजल्ट को लेकर गड़बड़ियां सामने आ रही है. इसके बावजूद इस ओर गंभीरतापूर्वक ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

गुरुवार को जैक कार्यालय के बाहर परीक्षार्थियों ने जमकर प्रदर्शन करते हुए जैक के गेट पर तालाबंदी की. इस दौरान जैक पदाधिकारियों को जैक कार्यालय में घुसने भी नहीं दिया गया. मामले को लेकर जैक अध्यक्ष ने परीक्षार्थियों को आश्वासन दिया है, इसके बावजूद हंगामा जारी है. मामले को लेकर जल्द से जल्द शिक्षा विभाग और झारखंड एकेडमिक काउंसिल को कुछ पहल करने की जरूरत है, नहीं तो यह आंदोलन लगातार जारी रहेगा. वहीं विद्यार्थियों ने शिक्षा विभाग को चेतावनी देते हुए यह भी कहा है कि अगर जल्द से जल्द इस समस्या को दूर नहीं किया गया, तो राज्य के तमाम शिक्षा व्यवस्था से जुड़े संस्थानों पर तालाबंदी की जाएगी.

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