रांची : झारखंड में सरकारी नौकरी की मांग को लेकर छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं. परीक्षाएं भी समय से नहीं हो रही हैं. कई बार तो चार-पांच साल जिन पदों के लिए आवेदन भरे गये उसकी परीक्षा की तिथि अब जाकर तय होती है. छात्र लगातार तैयारी कर रहे होते हैं, पर जब परीक्षा की तिथि नजदीक आती है वैसे ही परीक्षा रद्द करने की नोटिस जारी हो जाती है. हद तब हो गयी कि छात्र जिस पद के लिए परीक्षा दे रहे हैं जेएसएससी ने उसे भी रद्द करने का आदेश जारी कर दिया. यही हाल आशुलिपिक प्रतियोगिता परीक्षा का है.
परीक्षा की तिथि जारी की गयी थी लेकिन वर्ष 2022 के दिसंबर माह में इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया. यह परीक्षा उस वक्त रद्द कर दिया था जब इसकी परीक्षा चल रही थी.छात्रों का साफ तौर पर कहना है कि वह लंबे समय से इसकी तैयारी कर रहे थे लेकिन सरकार ने छात्रों के भविष्य की अनदेखी कर यह फैसला ले लिया. जो गलत है. अब छात्रों ने सरकार के खिलाफ ट्वीटर वार शुरू कर दिया है. छात्र अब इसे लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
अभ्यर्थियों ने द्विटर पर #JSSC_सचिवालय_स्टेनो_जारी_करो टैगलाइन के साथ अभियान शुरू कर दिया है. इस अभियान में काफी संख्या में छात्रों ने सरकार के इस कार्रवाई का जोरदार विरोध शुरू कर दिया है.
पूरा मामला समझें
आशुलिपिक प्रतियोगिता परीक्षा JSSC की तरफ से ली जा रही थी. झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर उस समय रद्द कर दिया गया था, जब उम्मीदवार परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा देने पहुंचे हुए थे. हाईकोर्ट ने झारखंड सरकार को परीक्षा से संबंधित नियमावली में कुछ सुधार करने का आदेश दिया था. इस परीक्षा का विज्ञापन फिर से प्रकाशित करने का भी आदेश दिया. छात्र इंतजार करते रहे लेकिन इस परीक्षा का दोबारा विज्ञापन अबतक जारी नहीं किया गया है.
इस परीक्षा का कहीं जिक्र नहीं
छात्रों ने कहा कि JSSC की ओर से 21.04.2023 को विज्ञापनों के लिए तैयार किए गये परीक्षा कैलेंडर में भी इसका जिक्र नहीं है जबकि सभी तरह की रद्द परीक्षाओं के लिए विज्ञापन निकालने की तिथि प्रकाशित है. जून 2022 में रद्द की गयी आशुलिपिक परीक्षा का इसमें जिक्र ना होने से छात्र निराश हैं.
सरकारी अधिकारी भी मिलने से कतराते हैं
ट्विटर पर इस अभियान से पहले छात्रों ने कई बार कार्मिक सचिव से मिलने का प्रयास किया. छात्रों का कहना है कि हमें गेट से ही बाहर कर दिया गया. अधिकारी बराबर मिलने से कतराते रहे. वे अभ्यर्थियों को मिलने के बदले तारीख पर तारीख देते रहे. छात्र कहते हैं अब सब्र नहीं है. हमारे पूरा भविष्य इनके फैसले पर निर्भर करता है और हमें यह बस टाल रहे हैं.
सरकार नहीं सुनी तो होगा उग्र आंदोलन
सरकार नहीं सुनी तो और उग्र होगा आंदोलन इसकी तैयारी कर रही भारती ने कहा, हमने इस बार ट्विटर पर आंदोलन चलाया है. अगर इसी तरह हमारे आंदोलन को हमारी मांग को नजरअंदाज किया गया तो हम उग्र आंदोलन करेंगे. सभी छात्रों ने अपने द्वीट में JSSC_सिचवालय_स्टेनो_जारी_करो हैस टैंग के साथ सीएम हेमंत सोरेन, चंपई सोरेन, बाबूलाल मरांडी और अंबा प्रसाद सरीखे नेताओं को भी टैग किया है.
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