रांची: झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रविकुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहले चरण के विधानसभा चुनाव के बाद की स्थिति पर अपडेट दिया. उन्होंने बताया कि पहले चरण के मतदान के बाद 43 विधानसभा सीटों के ईवीएम और वीवीपैट को स्ट्रांग रूम में सील कर दिया गया है. इन स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है, जिसमें सभी 15 जिलों के स्ट्रांग रूम की निगरानी के लिए एक-एक कंपनी अर्द्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है. रविकुमार ने कहा कि पहले चरण का मतदान पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ और किसी भी बूथ पर पुनर्मतदान की आवश्यकता नहीं पाई गई. हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत अपेक्षाकृत अच्छा रहा, जबकि शहरी क्षेत्रों में कम मतदान प्रतिशत रिकाॅर्ड किया गया. उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग भविष्य में शहरी क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर विशेष ध्यान देगा. पहले चरण में कुल 66.48% मतदान हुआ, जो 2019 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले लगभग तीन प्रतिशत अधिक है.

हालांकि, उन्होंने कहा कि पोस्टल बैलेट का डेटा आने के बाद मतदान प्रतिशत में आंशिक वृद्धि हो सकती है. रविकुमार ने यह भी बताया कि मतदान के दिन कुल 10 मामलों में प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिनमें कांके, हटिया, रांची, जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी और पलामू से मामले सामने आए हैं. साथ ही, चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाए हैं. अब तक विभिन्न एजेंसियों ने 213 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध सामग्री और नकदी जब्त की है, जो चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के लिए इस्तेमाल हो सकती थी. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे अगले चरणों में भी शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान में भाग लें और चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने वाली किसी भी गतिविधि की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें.

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