खूंटी : झारखंड के खूंटी जिले में अफीम की खेती का दायरा बढ़ता जा रहा है, जो पुलिस प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी है. जिले के एसपी अमन कुमार ने इस साल अफीम की खेती के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी करते हुए शनिवार को अड़की प्रखंड क्षेत्र के ग्राम प्रधानों, मुखिया, पंचायत सेवकों, चौकीदारों और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की. इस बैठक में उन्होंने अफीम की खेती नष्ट करने और इस अवैध गतिविधि की जानकारी देने की अपील की.
एसपी अमन कुमार ने कहा कि
नशे के खिलाफ जारी मुहिम में जनप्रतिनिधियों को पुलिस का सहयोग करना होगा, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि जिले के खूंटी, मुरहू, अड़की, सायको और मारंगहदा थाना क्षेत्र के कई गांवों में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती हो रही है. स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष लगभग 10 हजार एकड़ से अधिक जमीन पर अफीम की खेती की गई है.
अब तक पुलिस ने करीब 70 एकड़ अफीम की फसल को नष्ट किया है, लेकिन बड़ी संख्या में अफीम की फसलें नष्ट करने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों और चौकीदारों के सहयोग की जरूरत है. एसपी ने जनप्रतिनिधियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसी ने अफीम की खेती को संरक्षण दिया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
कानूनी प्रावधानों के बारे में दी जानकारी
बैठक में एसपी ने अफीम की खेती के दुष्प्रभावों पर भी चर्चा की और एनडीपीएस एक्ट के तहत कानूनी प्रावधानों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अफीम की खेती से पूरा समाज बर्बाद हो सकता है और इसके दुष्प्रभावों से बचने के लिए इसे रोकना बेहद जरूरी है.
एसपी ने यह भी बताया कि अफीम की खेती नष्ट करने के बाद पुलिस राज्य और अंतरराज्यीय नेटवर्क में शामिल 20 से अधिक लोगों को चिन्हित कर चुकी है. इनकी संपत्तियां जब्त करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी. एसपी अमन कुमार ने अंत में जनप्रतिनिधियों और चौकीदारों से आग्रह किया कि वे इस अभियान में पुलिस का सहयोग करें और जल्द से जल्द अफीम की खेती को नष्ट करने में मदद करें.
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