Johar Live Desk : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भयावह आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज यानी शुक्रवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत कर पाकिस्तानी नागरिकों की तत्काल पहचान करने और उनकी सूची केंद्र सरकार को सौंपने के निर्देश दिए. गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि 27 अप्रैल 2025 से देश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीजा रद्द कर दिए जाएंगे, जबकि मेडिकल वीजा 29 अप्रैल तक वैध रहेंगे. 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसारन क्षेत्र में हुए आतंकी हमले में 25 भारतीय पर्यटकों और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई. यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी में सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है. भारत ने हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को जिम्मेदार ठहराते हुए इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
राज्यों को मिला अलर्ट : वीजा रद्द करने की प्रक्रिया शुरू
गृह मंत्री शाह ने राज्यों से कहा है कि वे इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और सुनिश्चित करें कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक छूट न जाए. उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए यह कदम आवश्यक है और इसमें किसी प्रकार की ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी.
भारत की जवाबी कार्रवाई
- 1960 के सिंधु जल समझौते को निलंबित किया गया.
- अटारी-वाघा सीमा चौकी को बंद किया गया.
- नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी सैन्य सलाहकारों को निष्कासित किया गया.
- सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई.
राजनयिक संबंधों में गिरावट
भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक रिश्ते और सीमित कर दिए हैं. इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के स्टाफ की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी गई है. इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारत के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है और सभी व्यापारिक संबंध भी निलंबित कर दिए हैं. पाकिस्तान ने भारत के कदमों को “युद्ध की कार्रवाई” बताया है.
PM मोदी का कड़ा संदेश
PM नरेंद्र मोदी ने मधुबनी की जनसभा में कहा, “हमले के दोषियों और उनके समर्थकों को कल्पना से परे सजा दी जाएगी.” उन्होंने साफ किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरतेगा.
विपक्ष पार्टी का समर्थन
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भी हमले की कड़ी निंदा की है और सरकार के फैसलों का समर्थन किया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में देश को एकजुट रहना चाहिए. पार्टी ने 25 अप्रैल को देश भर में कैंडललाइट मार्च का आयोजन किया.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन सहित कई देशों ने हमले की निंदा की है. फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने भारत के साथ एकजुटता जताई, जबकि अमेरिका ने जम्मू-कश्मीर के लिए “यात्रा न करने” की चेतावनी जारी की है. पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार का रुख बेहद सख्त हो गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लिए गए निर्णय और पाकिस्तान के प्रति कड़े रुख से यह स्पष्ट है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करेगा. आने वाले दिनों में भारत-पाकिस्तान संबंधों में और तनाव बढ़ने की संभावना है.
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